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जौनपुर- जबरा मारे रोवे भी न दे।

जौनपुर। रविन्द्र दुबे। उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक दबंगई का एक ऐसा मामला देखने को मिला है जिसे सुनकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। मामला जौनपुर जनपद के महराजगंज थाना इलाके के गौराखुर्द गांव का है। यहां एक 8 साल के मासूम को बाल मजदूरी से इनकार करना महंगा पड़ गया। दबंगों ने मासूम को कोल्हू चरखी में डालकर उसका हाथ काट दिया। दबंगों का खौफ इतना कि मामला दर्ज करना तो दूर पीड़ित परिवार को थाने से भी भगा दिया गया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, गौराखुर्द गांव निवासी महेंद्र गौतम का आठ वर्षीय बेटा शिवम दूसरी कक्षा का छात्र है। 29 दिसंबर 2015 को वह घर के बाहर खेल रहा था कि पड़ोस राधेश्याम और विजयनाथ उसे गन्ना लगाने के लिए बुलाने आए। शिवम ने पहले तो जाने से मना किया। लेकिन दोनों उसे जबर्दस्ती लेते गए। वहां जाने के बाद शिवम फिर छिप गया। राधेश्याम और विजयनाथ ने फिर किसी तरह शिवम को ढूंढ निकाला। इस बार दोनों शिवम से जबर्दस्ती काम कराने लगे।

शिवम बेमन से काम तो करने लगा लेकिन ये बात दोनों दबंगों को पसंद नहीं आई। उन्होंने गुस्से में आकर शिवम को कोल्हू चरखी में धकेल दिया। चरखी की चपेट में आते ही शिवम का बायां हाथ कट गया। खबर शिवम की मां जमुना देवाी को मिली तो वो रोते बिलखते मौके पर पहुंची। गांव वालों की मदद से उसे लेकर एक निजी अस्पताल पहुंची। जहां चिकित्सक ने शिवम का हाथ काटकर इलाज शुरू कर दिया। बेटे पर हुए जुल्म की फरियाद लेकर जमुना देवी थाने पहुंची लेकिन वहां भी दबंगों को ही सिक्का चल रहा था। थानेदार ओंकार सिंह ने तहरीर लेना तो दूर दोनों को डपटकर भगा दिया। थाने से मायूस जमुना देवी सोमवार को पुलिस अधीक्षक राजू बाबू सिंह के दरवाजे पर गुहार लगाने आई लेकिन यहां भी उसे कोई नहीं मिला।

अब देखना होगा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस मामले में क्या प्रतिक्रिया देते हैं।

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