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ईरान – प्रतिबन्ध समाप्ति पर मिली जुली प्रतिक्रिया

ईरान पर लगाए गए सभी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक प्रतिबंध हटाने के फ़ैसले का हर तरफ़ से स्वागत किया जा रहा है. लेकिन अमरीकी संसद के रिपब्लिकन स्पीकर और इसराइल ने इस फ़ैसले की निंदा की हैप्रतिबंध हटने के बाद दुनिया भर के बैंकों में रखे अपने अरबों डॉलर को ईरान दोबारा हासिल कर सकेगा

जो कि प्रतिबंध लगने के बाद उन बैंकों ने फ़्रीज़ कर लिए थे. इसके अलावा ईरान अपने तेल को अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में बेच सकेगा.
परमाणु कार्यक्रमों की निगरानी रखने वाली एजेंसी आईएईए ने शनिवार को वियना में एक बैठक में इस बात की पुष्टि की थी कि ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रमों को धीमा करने का वादा पूरा किया है.
आईएईए के महानिदेशक यूकिया अमानो ने कहा कि अब ईरान और उनके रिश्ते एक नए दौर में प्रवेश करेंगे.
उन्होंने कहा था, ”आज मैंने एक रिपोर्ट जारी कि जिसमें इस बात की पुष्टि की गई है कि ईरान ने परमाणु संधि से जुड़ी सभी शर्तों का पालन किया है. ये रिपोर्ट आईएईए के बोर्ड आॅफ़ गवर्नर और संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद को सौंपे गए थे. हमें उम्मीद है कि ईरान आगे भी इसी तरह से अपने वादे पूरे करेगा”.
प्रतिबंध हटाने के फ़ैसले का स्वागत करते हुए ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने अपने ट्विटर एकाउंट पर इसे देश के लिए एक गौरवशाली जीत क़रार दिया.
वहीं ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने एक बयान जारी कर कहा, ”आज हमने वो कर दिखाया जिसका हमने वादा किया था. जबसे हमने इस संधि पर हस्ताक्षर किए तभी से हमने इस पर बहुत मेहनत की और आपसी प्रतिबद्धताओं और सामूहिक इच्छा के बल पर ये परिणाम हासिल किया. आज उस संधि पर हस्ताक्षर के लगभग छह महीने बाद आईएईए ने भी ये माना है कि हमने अपना वादा निभाया है”.
ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने का फ़ैसला करते हुए अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा, ”आज हम जहां भी पहुंचे हैं इस पर बहुत सारे लोगों को शक था कि ऐसा कभी हो भी पाएगा या नहीं. ईरान ने जो अपना वादा पूरा किया है उसके मद्देनज़र अमरीका और यूरोपियन यूनियन ने उस पर लगे सभी आर्थिक प्रतिबंध हटा दिए हैं. आज का दिन एक ऐसा ऐतिहासिक दिन है जब ईरान ने जो वादे कागज़ पर पूरे किए थे उसे अमली जामा पहना दिया है. पिछले साल जुलाई में अमरीका और हमारे मित्र देशों ने जो क़दम उठाए थे उसकी वजह से दुनिया में परमाणु हथियारों का ख़तरा कम हुआ है”.
यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख फ़ेडरीका मोगेरिनी ने भी कहा कि इससे क्षेत्र में शांति और स्थिरता बढ़ेगी.
उन्होंने कहा कि इससे एक बहुत ही मज़बूत संदेश जाएगा कि अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति और दृढ़ता हो तो बड़ी से बड़ी मुश्किल का भी सामना किया जा सकता है.
वहीं दूसरी तरफ़ रिपब्लिकन हाउस स्पीकर पॉल रायन ने प्रतिबंध हटाने के फ़ैसले की निंदा की है.
रायन ने एक बयान जारी कर कहा, ”ओबामा प्रशासन राज्य प्रायोजित आतंकवाद के सबसे बड़े समर्थक ईरान से आर्थिक प्रतिबंध हटाने जा रहा है”.
उन्होंने कहा कि अब ईरान को बतौर मदद जो एक अरब डॉलर की राशि मिलेगी उसका इस्तेमाल वो चरमपंथ को बढ़ावा देने में करेगा.
इसराइल ने भी ईरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंध हटाने के फ़ैसले का विरोध किया है.
इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतनयाहू ने कहा, ”परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने के बावजूद ईरान ने परमाणु हथियार हासिल करने की महत्वाकांक्षा को नहीं छोड़ा है. ईरान अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता का उल्लंघन करते हुए मध्य-पूर्व को अस्थिर करने और पूरी दुनिया में आतंकवाद फैलाने में लगा है.”
ईरान पर प्रतिबंध इस संदेह में लगाए गए थे कि वो परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है.
ईरान ने हमेशा इस बात से इंकार किया था. ईरान कहता रहा है कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है।।डीएमएस

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