लखनऊ। इब्ने हसन ज़ैदी। सीबीआई ने करोड़ो का घोटाला करने वाले इंजीनियर यादव सिंह को आज गिरफ्तार कर लिया। लंबे समय से बाहर चल रहे यादव सिंह की मुश्किलें और बढ़ेंगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेस-वे अथारिटी के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह को आज सीबीआई ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है। यादव सिंह ने आज सीबीआई ने लंबे समय के बाद पूछताछ की। इसमें यादव सिंह जांच एजेंसी को अपने जवाबों से संतुष्ट नहीं कर सका। घोटालेबाज इंजीनियर यादव सिंह पर आय से अधिक संपत्ति एकत्र करने का आरोप है। सीबीआई फिलहाल अपनी गिरफ्त में लेकर यादव सिंह ने पूछताछ कर रही है। आइये सिलसिलेवार आपको सीबीआई की इस उपलब्धी को बताते है।
2014
27 नवंबर : आयकर की टीम ने यादव सिंह के घर की छापेमारी।
पांच दिसंबर : प्राधिकरण यादव सिंह के खिलाफ कार्रवाई में जुटा।
आठ दिसंबर : यादव सिंह सहित लेखाकार प्रदीप और सहायक परियोजना अभियंता रामेंद्र निलंबित।
11 दिसंबर : सीबीसीआइडी ने 954 करोड़ के भ्रष्टाचार के मामले में दी क्लीन चिट।
2015
14 फरवरी : घोटालों की जांच के लिए एक सदस्यीय आयोग का गठन।
11 मार्च : आयोग ने जांच की शुरू।
30 जुलाई : सीबीआइ ने मामला दर्जकर जांच की शुरू।
04 अगस्त : सीबीआइ टीम यादव सिंह के ए-10 सेक्टर-51 स्थित घर पहुंची, कोठी को किया सील।
05 अगस्त : प्राधिकरण ने यादव सिंह के खिलाफ कोतवाली सेक्टर-20 में दर्ज कराया मामला।
06 अगस्त : सीबीआइ की 14 सदस्यीय टीम पहुंची यादव सिंह के घर। 13 घंटे की घर में छानबीन।
02 सितंबर : यादव सिंह का डिमोशन, मुख्य अभियंता पद से हटाकर वरिष्ठ परियोजना अभियंता बने।
08 अक्टूबर : दस सदस्यीय सीबीआइ की टीम ने नोएडा और गाजियाबाद में की छापेमारी।
29 अक्टूबर : दो करोड़ से अधिक की लागत के सभी टेंडरों की मूल फाइल मांगी सीबीआइ ने।
17 दिसंबर : सहायक परियोजना अभियंता रामेंद्र को किया सीबीआइ ने गिरफ्तार।
18 दिसंबर : सीबीआइ कोर्ट में पेश किया गया रामेंद्र को।
2016 तीन फरवरी : सीबीआइ ने यादव सिंह को पूछताछ के बाद किया गिरफ्तार।