वर्षों से परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में परीक्षाएं नहीं हो रही थीं। इससे छात्रों का ठीक से मूल्यांकन नहीं हो पा रहा था।
जनवरी में बेसिक शिक्षामंत्री अहमद हसन ने परीक्षाएं कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद विभाग ने फैसला किया कि कक्षा 1 में मौखिक परीक्षा ली जाएगी, जबकि इससे ऊपर की कक्षाओं की लिखित परीक्षा होगी। प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिकाओं का इंतजाम करने के लिए शासन ने पुनर्विनियोग के तहत 18 करोड़ 2 लाख 74 हजार मंजूर किए।
कक्षा 2 से 5 तक के विद्यार्थियों की परीक्षा लेने के लिए प्रति छात्र 10 रुपये खर्च किए जाएंगे। इसमें 2.50 रुपये प्रश्नपत्र और 7.50 रुपये उत्तर पुस्तिका पर खर्च होंगे। इसी तरह कक्षा 6 से 8 तक प्रति छात्र 20 रुपये खर्च किए जाएंगे। 5 रुपये प्रश्नपत्र और 15 रुपये उत्तर पुस्तिका पर खर्च होंगे। उत्तर पुस्तिकाओं की व्यवस्था हर विद्यालय की प्रबंध समिति करेगी।
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