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नकली नोटों के साथ पकड़ा गया।

कानपुर। इब्ने हसन ज़ैदी। देश की सारी सुरक्षा एजेंसीयों को धता बताते हुए भारत में आज भी नकली नोटों की खेप आ रही है। भारत की आर्थिक स्तिथि को कमज़ोर करने के लिए आईएसआई और आतंकवादियों के माध्यम से  देश में  नकली नोट भेजे जा रहे हैं। इन नकली नोटों को देश में फैलाने के लिए लोगों को लालच देकर बहकाया जा रहा है। आज जनपद मिर्जापुर का रहने वाला ऐसा ही एक व्यक्ति नकली नोटों के साथ कानपुर में गिरफ्तार किया गया है। यह व्यक्ति शहर के विभिन्न इलाके में घूम घूम कर जाली नोटों को चला रहा था। पुलिस ने इसके कब्ज़े से बड़ी संख्या में 100- 100 रूपये के जाली नॉट बरामद  किये हैं। पुंछ-ताछ में पकड़े गए व्यक्ति ने बताया कि इस का कनेक्शन मिर्ज़ापुर से है जहां से जाली नोटों का सञ्चालन किया जा रहा है।

कानपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के सरसैया घाट इलाके में एक अनजान  व्यक्ति  जो कई दिनो से घूम घूम कर 100-100 का जाली नोट चला रहा था। आज एक दुकानदार को शक हो जानेपर  दुकांदार ने जब नोट को चेक किया तो वह जाली निकला । तभी दुकानदार ने उससे दुसरा नोट माँगा तो वह भी नकली निकला । दुकानदार को शक हो जाने पर दुकानदार ने पुलिस को सुचना दे दी। पुलिस ने मौके पर पहुच कर एक युवक को गिरफ्तार किया। पकडे गये युवक का नाम सुहैल अंसारी है और वो मिर्ज़ापुर का रहने वाला है।
कानपुर पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया है कि वह नकली नोट मिर्ज़ापुर से लाया था। इस नोटों के कारोबार में इसके दो और सहयोगी भी  है। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर जब नवाबगंज इलाके में दबिश मारी तो इसका सहयोगि भाग निकला। वहीं पुलिस ने इसके एक और सहयोगी को हिरासत में लिया है जिससे पुलिस पुंछ ताछ कर रही है ।
वहीँ पकड़ा गया आरोपी ने बताया है कि इस कारोबार का संचालक आशीष जायसवाल है जो मिर्ज़ापुर का रहने वाला है। आशीष जायसवाल ही पुरे देश में जाली नोटों का जाल  फैला रहा है। आशीष जायसवाल कौन है और इसका किस आतंकवादी संगठन या विदेशी संगठनो से सम्बन्ध है पुलिस जांच कर रही है। पुलिस ने अपनी जांच को अभी गोपनीय रखा है। पुलिस ने इस मामले में अपनी कई टीम लगा दी है जिस से फरार अभियुक्तों को पकड़ा जा सके। पुलिस मुख्य आरोपी आशीष जायसवाल को पकड़ने का प्रयास कर रही है। इसके पकड़े जाने के बाद ही पुरे नेटवर्क का खुलासा हो पायेगा। पकड़े गए सुहैल अंसारी ने बताया कि वह कानपुर में दो बार पहले भी आ चुका है। इस बार उसे संदीप कुमार नाम के एक व्यक्ति को जाली नोटों की खेप देनी थी तभी वह पकड़ा गया।
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