शीतल सिंह “माया” की कलम से
रांची में विनय और दिल्ली में दिव्यांश, दोनों की मौत की गुत्थी लगभग एक जैसी है. दोनों की ही मौत संदेहास्पद स्थिति में स्कूल की चारदीवारी के अंदर हुई और दोनों ही मामलो में स्कूल प्रशासन लीपापोती में जुटा हुआ है. एक ओर जहाँ विनय की मौत के पीछे पुलिस अप्राकृतिक यौन संबंध को कारण मान रही है, तो वही दिल्ली में दिव्यांश के माता पिता ने भी दिव्यांश की मौत की वजह अप्राकृतिक यौनाचार को माना है।
रांची पुलिस फिलहाल कई आयामो को ध्यान में रखकर जांच आगे बढ़ा रही है. इस मामले में आज सफायर इंटरनेशनल स्कूल के सात शिक्षको से पुलिस ने घंटो पूछताछ की. इस घटना ने जहाँ एक ओर पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है तो वही परिजनों के भी कान खड़े कर दिए है। आज राज्य का हर शख्स अपने बच्चो को लेकर गंभीर है और तंत्र से एक ही सवाल पूछ रहा है की क्या हमारे बच्चे स्कूलों में सुरक्षित है. विनय की मौत पूरे राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान खड़े करती है और साथ ही मासूम बच्चो के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर आक्रोश भी. स्कूल में बच्चो की मौत का ये कोई पहला मामला नहीं है, मगर जिस बर्बरता के साथ मासूम विनय की हत्या की गयी है, वो यक़ीनन रौंगटे खड़े कर देने वाला है. आज राजधानी रांची में कई बड़े और नामचीन स्कूल खोल दिए गए है, जहाँ अभिभावक मोटी रकम अदा कर बच्चो का दाखिला कराते है, और उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते है. मगर विद्या का मंदिर कहे जाने वाले स्कूल परिसर में ही गुरु का ओहदा रखने वाले चंद भेड़िये बच्चो के साथ अमानवीय हरकत करते है तो कलेजा छलनी हो जाता है. विनय की मौत की गुत्थी को सुलझने में अभी वक़्त है. पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है. मगर बड़ा सवाल है, की जिस तरह एक मछली समूचे तालाब को दूषित कर देती है, ठीक उसी तरह इस एक प्रकरण ने राजधानी और राज्य के तमाम शिक्षण शांस्थानो पर सवाल खड़े कर दिए है और साथ ही अभिभावकों में भी शिक्षको के प्रति हीन भावना पैदा कर दी है. हम उम्मीद करते है की विनय के साथ हुए दुर्व्यवहार के दोषी दरिंदो को जल्द हवालात की हवा दी जाए और विनय को न्याय मिले, मगर इस घटना ने पुनः ये सोचने पर मजबूर कर दिया है की आखिर बच्चे स्कूल में भी सुरक्षित नहीं, तो फिर कहाँ ?