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खुलती जा रही चंद्रकला की इमानदारी

लखनऊ। इब्ने हसन ज़ैदी। एक सेल्फ़ी, लड़के को जेल,फिर पत्रकार को धमकी। इससे पहले तक जो पत्रकार समाज आईएएस चन्द्रकला को शोहरत की बुलंदी पर लेकर गया अब वही वर्ग उनकी फर्जी दबंग छवि का खुलासा भी करने लगा है। बुलंदशहर की डीएम बी चन्द्रकला की सारी परतें एक-एक कर खुलने लगी हैं। सूत्र बताते हैं कि खुलासे की वजह से चन्द्रकला के बेनामी और अन-डिस्क्लोस्ड हिसाब बेहिसाब हैं। इस वक्त तो उनके पास हर कोने-कुतरे से अथाह रकम पहुँच रही है। इतनी ही नहीं, जिस जमीन को चन्द्रकला छू लेती है, चंद दिनों में ही वह हजारों गुना बढ़ कर चन्द्रकला की संपत्ति में शुमार हो जाती है।

फिर चन्द्रकला ही क्यों, यूपी के 29 से भी बड़े आईएएस अफसर भी अपनी कमाई का कोई भी हिसाब गोलमाल कर चुके हैं। इनमें कई तो रिटायर हो चुके हैं तो कुछ मुख्य सचिव जैसे पद पर पहुँच चुके हैं। इनमें छह महिला आईएएस भी शामिल हैं। अपने साथ सेल्फी खिंचवाने युवक को जेल भिजवाने के आरोप मे सुर्खियाँ बटोर रही हैं बी चन्द्रकला। ब्यौरा उपलब्ध न कराये जाने के बाबत जब पत्रकारों ने उनसे संपर्क किया तो बताया गया कि वे बहुत बिज़ी हैं और बात नहीं कर सकती हैं। डीएम बुलंदशहर से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उधर से जवाब मिला कि मेमसाहब बहुत बिजी हैं और बात नहीं कर सकती हैं।
गौरतलब है कि सिविल सेवा अधिकारियों को वर्ष 2014 के लिए 15 जनवरी 2015 तक अपनी संपत्ति का रिकॉर्ड प्रस्तुत करना था। लेकिन एक वर्ष बीतने के बावजूद अभी तक इन अधिकारियों ने अपना ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराया है। 2015 के लिए राज्य सरकार को 28 फरवरी तक सभी पदस्थ आईएएस अधिकारियों को संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध कराना है।
डीएम के तौर पर चंद्रकला को जो रकम मिलती है, वह तो अपनी जगह है, लेकिन उनके पास छप्‍पर फाड़ कर भी अकूत पैसा आता-बरसता है। मस्‍लन, उनके-सास ससुर ने लखनऊ में  55 लाख के फ़्लैट का गिफ्ट में दे दिया। अब सवाल यह है कि उनके सास-ससुर के पास इतनी रकम कहां से मिल गयी। जाहिर है कि यह काला-धन को खपाने की एक जबर्दस्‍त साजिश ही है।
अगर केंद्र सरकार के सामान्य प्रशासन एवं प्रशिक्षण विभाग के द्वारा दी गई जानकारी को देखा जाए तो पता चलता है कि बी चन्द्रकला की संपत्ति वर्ष 2011-12 केवल 10 लाख रूपए थी ,जी कि वर्ष 2013-14 में लगभग एक करोड़ हो गई। 2011-12 में अपने गहने बेचकर और तनख्वाह के पैसे से चन्द्रकला ने आन्ध्र प्रदेश के उप्पल में 10 लाख का फ़्लैट ख़रीदा था।
आज के समय में बी चन्द्रकला के पास लखनऊ के सरोजिनी नायडू मार्ग पर अपनी बेटी कीर्ति चन्द्रकला के नाम से 55 लाख का फ़्लैट मौजूद है जिसके बारे में उन्होंने दावा किया है कि यह फ़्लैट उनके सास ससुर ने उन्हें गिफ्ट किया है। इसके अलावा आन्ध्र प्रदेश के अनुपनगर में भी उन्होंने 30 लाख का एक मकान अपने पैसे से ख़रीदा है जिससे वो 1.50 लाख रूपए सालाना की कमाई का दावा करती हैं। उनके पति रुमुलू अजमीरा के नाम एक खेती की जमीन भी करीम नगर में हैं।
आन्ध्र प्रदेश के उस्मानिया विश्वविद्यालय से स्नातक और इसी विश्वविद्यालय से दूरस्थ शिक्षा के तहत परास्नातक करने वाली बी चन्द्रकला द्वारा संपत्ति का ब्यौरा न दिए जाने को लेकर यूपी कैडर के एक वरिष्ठ अधिकारी कहते हैं कि समय से संपत्ति का ब्यौरा न दिया जाना आश्चर्यजनक है,बी चन्द्रकला जैसी अधिकारी से इन गंभीर विषयों की अवहेलना करने की उम्मीद कत्तई नहीं थी। गौरतलब है कि सिविल सेवा नियमावली में यह साफ़ उल्लेखित है कि जो भी आईएएस अधिकारी प्रतिवर्ष 31 जनवरी तक अपनी संपत्ति का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराएगा, उन्हें पदोन्नति नहीं दी जाएगी और अखिल भारतीय सेवा के अंतर्गत वरिष्ठ पदों के लिए उनका नाम भी आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
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