सियाचीन के उत्तरी ग्लेशियर में बर्फ के तूफान में 10 जवान दब गए थे। सेना के बचाव दल ने मद्रास रेजीमेंट के हनुमनथप्पा को सोमवार रात जिंदा बाहर निकाल लिया। हनुमनथप्पा के ज़िंदा होने की खबर सुनकर उसके परिवार में खुशी का माहौल है।
इस बहादुर सिपाही को इलाज के लिए दिल्ली में सेना के आर एंड आर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बहादुर सिपाही को देखने के लिए अस्पताल गए। सेना को ये सफलता चौबीसों घंटे चलाए गए अभियान के बदौलत मिली है। हनुमंतथप्पा हिमस्खलन के बाद बाकी जवानों के साथ बर्फ के नीचे जिंदा दफन हो गया था। बचाव दल को छह दिन बाद 25 फुट मोटी बर्फ की परत के नीचे दबा सेना का ये जवान चमत्कारिक रूप से छह दिनों बाद जिंदा मिला। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
हनुमनथप्पा के ज़िंदा होने की खबर को सुनकर परिवार बहुत खुश है। उनकी पत्नी इस खबर को सुनते ही भगवान का शुक्रिया अदा करने सीधा मंदिर पहुंची। सेना का ये लांस नायक कर्नाटक के धारवाड़ जिले का रहने वाला है।
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