कानपुर। इब्ने हसन ज़ैदी। आपको रति याद है क्या? वही रति जो नवम्बर 2014 में बबीना मध्य प्रदेश में बदमाशों द्वारा लूट कर ट्रेन से फेंक दिए जाने की शिकार हुयी रति त्रिपाठी को मरणासन अवस्था में घटना स्थल क्षेत्र के प्रधान की पत्नी सरोज ने अस्पताल पहुंचाकर रति त्रिपाठी की जान बचाया था। रति की जान तो मध्य प्रदेश सरकार के सहयोग से बच गई लेकिन उसकी ज़िन्दगी अपंग हो गई है। आज भी रति बिस्तर पर पड़ी अपनी ज़िन्दगी को पाने के लिए मौत से लड़ रही है।
रति त्रिपाठी के पिता महेंद्र नाथ त्रिपाठी ने रेलवे विभाग पर हर्जाना का मुकदमा दर्ज कर रखा है। रेल विभाग ने भी बेशर्मी इख़्तियार करते हुए लूट की घटना से ही इनकार करते हुए उलटा महेंद्र त्रिपाठी पर फ़र्ज़ी दावा कर रेल विभाग को बदनाम करने की कोशिश करने का मुजरिम बनाते हुए मानहानि का पचास हज़ार का दावा कर दिया।
88इस हादसे में लूट का शिकार रति त्रिपाठी आज भी बेड पर है जो न कुछ बोल पा रही है और न ही कुछ समझ पा रही है उसकी सेवा में उसका परिवार रात दिन लगा हुआ है। रति त्रिपाठी के साथ घटी इस घटना में जीआरपी बबीना में केस दर्ज किया गया था। रति त्रिपाठी के साथ हुयी लूट का जीआरपी ने पांच अपराधियों को पकड़ कर खुलासा भी कर दिया था। इस मुकदमे में रेल में यात्रा कर रहे दो यात्री गवाह भी है। साथ ही 18 फ़रवरी को रति त्रिपाठी के पिता महेंद्र नाथ त्रिपाठी और भाई अध्यात्म त्रिपाठी की इस मामले में माननीय न्यायालय में गवाही भी होनी है ।
रेल विभाग के द्वारा मानहानि के रूप में पचास हज़ार की मांग के विरुद्ध रति त्रिपाठी के पिता महेंद्र त्रिपाठी अदालत का दरवाज़ा खटखटाएंगे। साथ ही मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा महेंद्र नाथ त्रिपाठी की मदद करने के दावे का पूरा न होने पर पूरा परिवार रति त्रिपाठी को लेकर मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश से मिलेंगा और मदद की गुहार लगाएंगा।
पिता महेंद्र नाथ त्रिपाठी कानपुर में भी जब बीजेपी राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह आये थे तब मिलने की कोशिश की थी और पुरे प्रकरण की एक फ़ाइल भी थी जिस पर उस समय के प्रदेश के बीजेपी अध्यक्ष ने आश्वासन दिया था कि पूरी मदद की जायगी। लेकिन अभी तक कोई मदद नहीं मिली है।