अब देखो भैया लोगन साफ़ बात सुन लो ऊ हारे चाहे जितना मगर टिकट का असली दावेदार उहे रहियन।
देखो भाई साफ बात है टिकट बटवारे में वो समय गया जब पार्टी हर पार्टी देखती थी कि कौन कार्याकर्ता पार्टी के लिए कितना करता है। अब तो सबसे पहले देखा जाता है आपका पॉवर फिर देखा जाता है कि परिवार कौन सा है। अब मंत्री के भाई है टिकट उनको चाहिए तो मिलेगा। भाई खुद सोचो सरकार के लिए कितना करते है मंत्री जी अब उनका भाई हार जा रहा है तो क्या कभी तो जीतेगा। लगे रहो भैया।
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