कानपुर। इब्ने हसन ज़ैदी। लोग कहते है कि न्याय पाना इतना आसान नहीं है। कभी कभी कुछ घटनाक्रम इस बात का प्रमाण दे देते है। अस्पताल में हुयी प्रसूता की मौत के बाद से उसके परिजन न्याय पाने के लिए दर दर भटक रहे है। पुलिस में शिकायत करने के बाद भी जब अस्पताल के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुयी तो आज मृतका के परिजनों ने थाने के बाहर जमकर हंगामा काटा । मृतका के परिजनों ने स्वरुप नगर थाने के सामने ही सड़क जामकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
यह पूरा मामला है 22 मई 2015 का, जब कानपुर के नवाबगंज की रहने वाली पूनम को उसके परिजनों ने डिलेवरी के दौरान रैनबो अस्पताल में भर्ती कराया था। जँहा पर उसको गलत इंजेक्शन लगा दिया गया जिससे पूनम की हालत बिगड़ने लगी थी। परिजनों ने जब डाक्टर से इस बात की शिकायत की तो अस्पताल के कर्मचारियों ने पूनम को बाहर निकाल दिया। पूनम के परिजन उसको लेकर दूसरे नर्सिंग होम पहुंचे जँहा इलाज के दौरान डाक्टरों ने बच्चे को तो बचा लिया लेकिन पूनम की मौत हो गयी। पूनम की मौत से नाराज उसके परिजनों ने रैनबो अस्पताल में जमकर तोडफोड की थी। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से तोडफोड करने वालो के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया था जिसमे पुलिस जांच कर रही थी ।
मृतका पूनम की मौसी अंजना ने आरोप लगाया है कि अस्पताल में डाक्टरों ने जांच करने के बाद बताया की पेट में बच्चा उल्टा है आपरेशन करने के तीस हजार रुपये लगेंगे।डाक्टरों ने 15 तारीख को पूनम का आपरेशन करने के बाद उसको गलत खून चढ़ा दिया जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी। इसके बाद डाक्टर ने एक इंजेक्शन लगाया जिससे उसकी हालत और ज्यादा खराब होने लगी। डाक्टर से जब इसकी शिकायत की तो उन्होंने मरीज को अस्पताल के बाहर फिकवाने की कोशिश की। उसके बाद पूनम को चांदनी नर्सिंग होम में भर्ती कराया जँहा उसकी मौत हो गयी। मृतका पूनम की मौसी अंजना का आरोप है कि नर्सिंग होम वाले मिले है पुलिस भी हमारी शिकायत नहीं सुन रही है।
वही इस पूरे प्रकरण में स्वरुप नगर थाने के डिप्टी एसपी आतिश कुमार सिंह का कहना है कि रैनबो अस्पताल में बीमारी की वजह से एक महिला की मौत हो गयी थी। मृतका के परिजनों ने अस्पताल में तोडफोड की थी अस्पताल प्रबंधक ने तोडफोड करने वालो के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। मुकदमे की विवेचना कर रहे विवेचक दबिश डालने गए थे। इसी सम्बन्ध में कुछ महिलाये जानकारी करने आई थी की दबिश क्यों डाली जा रही है। आश्वाशन दिया गया है कि पूरी जांच होगी किसी निर्दोष पर कार्यवाही नहीं की जायेगी ।