मथुरा। शीतल सिंह “माया”। सिकंदरा के नारायण विहार निवासी प्रेमदास मथुरा रिफाइनरी के पूर्व उप प्रबंधक हैं। प्रेमदास ने बताया चार अप्रैल 2015 में उनके पास किसी राहुल मिश्रा नाम के व्यक्ति ने फोन किया। उसने कहा कि आपने लाइफ इंश्योरेंस की जो शिकायत की है, उसके संबंध में वित्त मंत्रालय के अधिकारी बात करेंगे। इसके बाद प्रेमचंद कोठारी, प्रमोद तिवारी, गौरव गौचर तथा राजेश दुबे ने खुद को वित्त मंत्रालय का अधिकारी बताते हुए संपर्क किया। प्रेमदास को बताया कि मामला निस्तारित हो गया है। पॉलिसी के 3.11 लाख रुपये खाते में जल्दी भेज दिए जाएंगे।
इसी दौरान शातिरों ने उनको बताया कि केंद्र सरकार ने पांच करोड़ रुपये के टेंडर आवंटित किए हैं, जिसमें पांच लाख की निविदा उनके नाम से जारी की गई है। शातिरों ने जाल में फंसाकर उनसे 2.46 लाख रुपये नोएडा में बैंक ऑफ बड़ौदा की दो शाखाओं में जमा कराने को कहा। उन्होंने सैरामिक कुंज, नोएडा सेक्टर 58 निवासी महालक्ष्मी के खाते में 96 हजार रुपये और सैरामिक कुंज नोएडा सेक्टर -66 निवासी गौरव गौचर के खाते में डेढ़ लाख रुपये जमा करा दिए। धोखाधड़ी का पता चलने पर सितंबर 2015 में सिकंदरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया। साइबर सेल द्वारा जांच करने पर बैंक के खाता धारकों की आइडी के आधार पर खोजबीन की, तो वह फर्जी निकली। फिलहाल जांच जारी है।