बीती 15 फरवरी को देवी प्रसाद पुत्री को ले आया था। पत्नी के आने के बाद ललित कुमार भी अपने गांव आ गया था। रविवार को वह पत्नी को लाने ससुराल गया था। जहां बताते हैं कि ससुराल वालों ने ललित का अपमान किया और पत्नी ने भी साथ चलने से मना कर दिया। ललित वापस गांव आया। गुमशुम इधर उधर घूमता रहा। जब घर के लोग सो गये तो वह घर के एक कमरे के अंदर चला गया और कमरे में उसने रस्सी का फंदा अपने गले में डालकर फांसी लगा जान दे दी। सुबह परिवार के लोग इधर उधर खोजते रहे। कुछ समय बाद जब उन लोगों ने कमरा खोल कर देखा तो वह कमरे में उसका शव लटकता हुआ मिला।
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