लखनऊ। समर रुदौलवी। इस गैंगरेप पीड़िता ने जो आरोप लगाए हैं, वे दिल दहलाने वाले हैं। पीड़िता का आरोप है कि पीजीआई की नर्स सुशीला सचान लखनऊ में प्राइवेट नर्सिंग होम चलाती थी और इस नर्सिंग होम में आने वाले डॉक्टरों को फीस के रूप में उसका ‘जिस्म’ परोसा जाता था। इस नाबालिग पीड़िता का कहना है कि दस, बीस, पचास नहीं उसके साथ कुल 450 लोगों ने रेप किया।
कई बार उसका गैंगरेप किया गया और वह अकेली ऐसी लड़की नहीं थी जिसके साथ नर्सिंग होम चलाने के नाम पर यह सब हो रहा था। उसके मुताबिक नर्स सुशीला सचान ने कई लड़कियों को अपने चंगुल में फंसा रखा था और उन्हें बतौर फीस डॉक्टरों के सामने परोसा जाता था।
पीड़िता का परिवार कानपुर का रहने वाला है। 17 फरवरी को किशोरी अपनी मां के साथ रात में शिकायत लेकर बर्रा थाने गई थी। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज कर उसको मेडिकल के लिए उर्सला भेजा था। मेडिकल रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। जिस सम्बन्ध में हमारे समाचार “भविष्य बनाने के नाम पर लूट ली अस्मत” पढ़ा होगा।
फिलहाल पूरे मामले को लखनऊ के कृष्णानगर में ट्रांसफर कर दिया गया है। एसपी का कहना है कि पीड़िता ने पहले भी 2015 में सुशीला के खिलाफ मारपीट की शिकायत की थी। बाद में उसने समझौते की बात कहकर शिकायत वापस ले ली थी। लखनऊ पुलिस पूरे मामले की जांच की बात कह रही है।
उधर पीड़िता का आरोप है कि नर्स नर्सिंग होम की आड़ में लखनऊ में सेक्स रैकेट चलाती है। वह अपने मकान पर शहर के रईसजादों और डॉक्टरों को बुलवाती है और हम जैसी लड़कियों को उनके सामने पेश करती है। यह बात शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में रेप पीड़िता ने कही। पीड़िता ने बताया कि जब वह गलत काम करने से मना करती थी तो सुशीला उसके कपड़े उतारकर बुरी तरह पीटती भी थी, साथ ही खाना भी नहीं देती थी। शिकायत के बाद बर्रा थाने में पुलिस ने पॉस्को एक्ट सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर केस लखनऊ के कृष्णा नगर थाने ट्रांसफर कर दिया था।