भोजन का अंतिम हिस्सा आंत में उस समय तक पचा हुआ भोजन अवशिष्ट पदार्थ के रूप में जमा रहता हैं जब तक उसे मल के रूप में शरीर से निकाल नहीं दिया जाता। इसलिए आंतों को स्वस्थ होना बहुत जरूरी होता है।
आंतों को दुरुस्त रखने के उपाय
शरीर में आंत आहार नली का हिस्सा है जो पेट से गुदा तक फैली होती है, क्षेत्र का अंतिम हिस्सा आंत में उस समय तक के लिए पचे हुए भोजन के अवशिष्ट पदार्थ जमा रहते हैं जब तक उसे मल के रूप में शरीर से निकाल नहीं दिया जाता। इसके अस्वस्थ होने का असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए आंतों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। आहए आंतों को दुरुस्त रखने वाले कुछ उपायों के बारे में जानें।
गतिविधियां
निष्क्रिय जीवन शैली का पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन नियमित रूप से योग व एक्सरसाइज करने से पाचनतंत्र की समस्या आपसे कोसों दूर रहती है। कुछ समय के लिए शाम और सुबह टहलना बेहद फायदेमंद होता है। आंतों को दुरुस्त रखने के लिए कम से कम 20 मिनट हर दिन किसी जोरदार तरीके को चुनकर एक्सरसाइज करें।
फाइबर
वसायुक्त और संसाधित खाद्य पदार्थो से दूर रहें, ये कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं को जन्म देती हैं। इसलिए इसे कम और फाइबर युक्त संतुलित खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें। सब्जियां, फल, अनाज और नट्स में मौजूद फाइबर आपकी आंतों को ठीक प्रकार से कार्य करने में मदद करता हैं, लेकिन फिटनेस बार और जूस ड्रिंक्स की तरह अपेक्षाकृत स्वस्थ नाश्ते आंतों के कार्य में बाधा उत्पन्न करते हैं।
पानी
अगर आप फाइबर की अधिक मात्रा में लेते हैं, और इसके साथ पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं तो आपकी आंतों को नुकसान हो सकता है। इसलिए इन स्वस्थ अनाज और सब्जियों के साथ पानी की उचित मात्रा लेना कभी नहीं भूलना चाहिए।
डिटॉक्स
डिटॉक्सिफिकेशन शरीर को सेहतमंद और तरोताजा रखने की एक प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के जरिए शरीर के टॉक्सिंस को बाहर निकाला जाता है, ताकि आपको शरीर के तमाम विकारों से मुक्ति मिल सके। डिटॉक्स के लिए कैफीन युक्त ड्रिंक की बजाय बिना छना ताजे फलों का जूस लें। यह न सिर्फ बॉडी में विटामिन की कमी दूर करेगा, बल्कि फाइबर की जरूरत भी पूरी करेगा। इससे पेट साफ रखने में काफी मदद मिलती है। इसके अलावा, हर्बल टी भी डिटॉक्सिफाई करने का काम करती है। आप चाहें, तो ग्रीन टी और नींबू पानी भी ले सकते हैं।
प्रोबायोटिक्स
नवीनतम वैज्ञानिक अनुसंधान के अनुसार, आंत्र रोग और अल्सरेटिव कोलाइटिस जैसी बीमारियों को दूर करने में प्रोबायोटिक्स बहुत मददगार होता है। हमारी आंत असंख्य बैक्टेरिया से भरी होती है। इनमें से कुछ हमारे शरीर के लिए रोग का कारण भी हो सकते हैं और जो अच्छे होते हैं, वे भोजन को पचाने का काम करते हैं तथा पाचन तंत्र को संतुलित रखने का काम करते हैं। प्रोबायोटिक भोज्य पदार्थों के सेवन से आंतों की कार्यप्रणाली को सशक्त बनाया जा सकता है, इन्फेक्शन से बचाव किया जा सकता है। प्रोबायोटिक मुख्यत: डेयरी प्रोडक्ट में ही होता है, जैसे दूध व दही।
आराम करें
शायद यह सबसे महत्वपूर्ण है। आपकी आंत सचमुच एक दूसरा मस्तिष्क होता है – शरीर में मौजूद लगभग 95 प्रतिशत सेरोटोनिन आपके आंत्र पथ को अपनी एक अलग मस्तिष्क संबंधी प्रणाली में रखता है। इसलिए आंतों के स्वास्थ्य के लिए मस्तिष्क का स्वास्थ्य होना जरूरी है। आपने नोटिस किया होगा कि तनावग्रस्त या चिंतित होने पर अक्सर आपका पाचन तंत्र गड़बड़ा जाता है। शांत जगह पर सिर्फ 5 मिनट आंखें बंद करके सांस लेने पर आप अपनी आंतों में काफी सुधार कर सकते हैं।
नियमित रूप से खाओ, लेकिन लगातार नहीं
हर समय खाते रहने की आदत आंतों के स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं होती है। क्योंकि आंतों को साफ, बैक्टीरिया और अपशिष्ट मुक्त करने के लिए, पाचन को आराम देने की जरूरत होती है। हर दो घंटे के बाद कुछ मिनट के लिए आपकी आंतें, मौजूद चिकनी मसल्स पाचन तंत्र के माध्यम से बैक्टीरिया और अपशिष्ट को बाहर निकालती है। लेकिन खाते समय यह प्रक्रिया रूक जाती है। इसलिए आंतों को स्वस्थ रखने के लिए दो भोजन के बीच थोड़ा सा अंतराल होना जरूरी होता है।