गाज़ीपुर। शहनवाज़ अहमद। मुख़्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के कार्यकर्ता,
समाजसेवक व पूर्व प्रधान ब्रह्मेश्वर उपाध्याय को कोटेदार तथा अन्य
भ्रष्टाचारियो के खिलाफ लड़ने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। पूर्व
प्रधान ब्रह्मेश्वर उपाध्याय के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के अनुसार
वह समाज के गरीब तबके के लिए लड़ाई
को मशहूर थे। समाज के गरीब तबके के लिए उनके विकास के लिए उनकी लड़ाई का
इतिहास रहा है।
गाजीपुर के भांवरकोल थाना क्षेत्र के रेणमार गांव के पूर्व प्रधान
ब्रह्मेश्वर उपाध्याय 76 वर्ष सोमवार सुबह अपने खेतों में सिंचाई कर रहे
थे। तभी 4 मोटर साइकिल सवार युवक खेत
पर आये और एक के बाद एक ताबड़तोड़ चार गोलियां दाग दी। आसपास मौजूद
ग्रामीणों के ललकारने पर असलहा
लहराते फरार हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ग्रामीणों व परिजनों की मदद
से लहूलुहान पूर्व प्रधान को लेकर गाजीपुर जिला अस्पताल पहुंची। डाक्टरों
ने हालत
नाजुक देखकर वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। परिजन व पुलिस पूर्व प्रधान को
लेकर वाराणसी के एक निजी अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
अस्पताल में डाक्टरों ने ब्रह्मेश्वर उपाध्याय को मृत घोषित कर दिया।
गाजीपुर पुलिस अधीक्षक के अनुसार पूर्व प्रधान ने कोटेदार की शिकायत जिला
प्रशासन से की थी। इसी को लेकर कोटेदार भड़का था। कोटेदार पुत्र व उसके
साथियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम गठित कर दी गई है।
कौमी एकता दल के संस्थापक पुर्व सांसद अफजाल अंसारी ने हमसे बातचीत में
बताया कि ब्रह्मेश्वर उपाध्याय जी केवल पार्टी के कार्यकर्ता ही नहीं थे
बल्कि हमारी पार्टी के समर्थक थे और एक गरीबो के हक़ के लिये लड़ने वाले समाज सेवक थे। उन्होंने हमेशा ही हर भ्रष्टाचार का विरोध किया है। अभी
खाद्यान योजना के लिए बनी लिस्ट में भ्रष्टाचारियो द्वारा खाद्यान घोटाला
करने की पूरी तैयारी कर लिया गया था। अकेले ब्रह्मेश्वर उपाध्याय चट्टान
की तरह बीच में गरीबो के लिए आये। आज गरीबो की वो आवाज़ भ्रष्टाचारियो ने
बंद कर दी है।
एक सवाल के जवाब में पुर्व सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने कहाकि हमारी पार्टी और
व्यक्तिगत मैं खुद पीड़ित परिवार के साथ हु।