लखनऊ। समर रुदौलवी। गोल्डन गुझिया नाम है इसका। एक पीस मिठाई की कीमत है बस तीन हजार रुपए से कुछ सौ ज्यादा। किलो लेंगे तो थोड़ा सस्ता पड़ेगा। किलो यही कोई 42 हजार से 47 हजार रुपए के बीच आएगा। एक किलो में 15-17 गुझिया आ जाएगी। आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस गुझिया में ऐसा क्या है जो यह तीन हजार की एक मिलती है, तो हम आपको बताते हैं इसके बारे में सबकुछ।
यह गुझिया कोई ऐसी-वैसी नहीं, बल्कि गोल्डन गुझिया है। इस गुझिया को मुख्यत: चिलगोजा, स्वर्ण भस्म, पिस्ता और अन्य चीजों को मिलाकर बनाया जाता है। इसके बाद इसके ऊपर सोने का वरक भी चढ़ाया जाता है। होली के समय बाजार में इसकी डिमांड बेहद बढ़ जाती है।
इस गुझिया को खासियत यह है कि बिना फ्रिज के भी इसको एक महीने तक रखा जा सकता है। इसे इस बार राजधानी से लोग अपने चाहने वालों को विदेश में उपलब्ध करा पायेंगे। इसकी कीमत 42 हजार रुपये प्रति किलो से लेकर 47 हजार रुपये प्रति किलो तक है।
विदेशों में भी लोगों को भाया गोल्डन गुझिया का स्वाद
एमबीए करने के बाद मिठाई का अपना परिवारिक कारोबार संभाल रहे मनीष ने बताया कि ग्राहक नए स्वाद की मांग करते हैं। गोल्ड गुझिया की तैयारी दिपावली के बाद से शुरू कर दी गई थी। तमाम प्रयोगों के बाद एक कामयाब स्वाद मिला है। यह स्वाद लोगों को भा रहा है। होली के दौरान बदल रहे मौसम में स्वर्ण भस्म शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली