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सावधान – सड़क पर दौड़ रहे यमदूतों- चाहिए नया कानून

कानपुर। अमन खान। सड़क पर फर्राटा भर रहे यमदूतों ने 11 परिवारों के होली के रंग बदरंग कर दिए। सड़क हादसे में उनके अपनों की जान लेकर उन्हें ऐसा दर्द दिया जो उन्हें हमेशा सालता रहेगा। होली के दौरान बिल्हौर में पांच, शिवराजपुर में तीन और सचेंडी, बिल्हौर व बिधनू में एक-एक लोगों की मौत ने एक बार फिर नए वाहन एक्ट को जल्द लागू करने की जरूरत की तरफ इशारा किया है क्योंकि लचीले वाहन एक्ट का फायदा उठाकर लोगों की मौत के जिम्मेदार आसानी से कोर्ट से छूटकर मौज करते है और इनके शिकार या तो दुनिया से चले जाते हैं या पूरा जीवन अपाहिजों की तरह बिताने को मजबूर हैं। अब सभी नए कानून को लागू करने के हिमायती हैं।

तीन माह और  220 मौत
शहर में बीते तीन माह में हुई मार्ग दुर्घटनाओं पर नजर डालें तो 220 मौत हो चुकी हैं। जिसमें 80 फीसद बाइक सवारों ने जान गवांई। इनकी मौत की वजह हेड इंजरी बनी। इसकी वजह तेज रफ्तार में बाइक चलाना और खराब सड़कें हैं। हेलमेट न पहनना भी बड़ी वजह है क्योंकि सड़क पर गिरने के बाद हेलमेट न पहने से हुई हेडइंजरी 80 फीसद दुर्घटनाओं में मौत की वजह बन रही है।
मौके से न पकड़े जाना वरदान
दुर्घटना के बाद आरोपी के मौके से न पकडे़ जाना, उनके लिए वरदान साबित होता है क्योंकि पहले तो भीड़ के आक्रोश से बच जाते हैं। उसमें खासकर नशेबाज लोगों को इसका फायदा मेडिकल परीक्षण में होता है क्योंकि बाद में नशे की पुष्टि न होने पर नशे में वाहन चलाने की धारा न लगने से उन्हें आसानी से जमानत मिल जाती है।
बोलते आंकड़े

2015 में दुर्घटना में कुल मौत -978

2016 में हादसे

जनवरी में 64

फरवरी में 79

मार्च में अब तक 87
थाने से छोड़े जाने पर किदवईनगर एसओ की जांच
पिछले दिनों किदवईनगर थाना के तत्कालीन इंस्पेक्टर फाजिल सिद्दीकी ने दुर्घटना के मामले में युवक के जान गंवाने के बाद भी नियम कानून के बल पर आरोपी कार चालक को छोड़ दिया। इस पर एसएसपी शलभ माथुर ने जांच बैठा दी जिसमें मुंशी व सिपाही पर गाज भी गिर गई वहीं कोहना में एक सिपाही पर कार चढ़ाने के प्रयास वाले के खिलाफ भी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज न होने पर जांच हुई। इसके बाद भी पुलिस दुर्घटना के मामले में कानून की दुहाई दे आरोपियों को थाने से छोड़ रही है और उनके शिकार जीवन व मौत के बीच झूल रहे हैं।
सड़कों पर फर्राटा भरने वाले वाहनों पर नजर रखी जा रही है। विशेष तौर पर दोपहिया वाहन चालकों पर। यह लोग कानून का फायदा उठाकर आसानी से छूट जाते हैं। इनके लिए कड़े कानून प्रक्रिया की जरूरत है। – शलभ माथुर, एसएसपी।
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