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18 वर्षो से मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री के पास नहीं है समय, आखिर कब होंगे डा राजेन्द्र प्रसाद और उनकी पत्नी बंधनमुक्त

मधुसूदन सिंह (बलिया)
देश के प्रथम राष्ट्रपति संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा देश की जातिवादी राजनीति की शिकार होकर सन् 1997 से अनावरण की राह देख रही है । कायस्थ परिवार में जन्म लेने वाले डॉ राजेन्द्र प्रसाद का यही गुनाह है कि ये ऐसे समाज में जन्मे जिनका वर्तमान राजनीति में वोट बैंक न होने से हाशिये पर है । डॉ राजेन्द्र प्रसाद कायस्थ बिरादरी की जगह किसी अन्य जाति में पैदा हुए होते तो इतने सालो से इनकी मूर्ति के अनावरण के लिए राजनेताओ की बाट नहीं जोहनी पड़ती बल्कि ऐसी कोई भी पार्टी न होती जिसके बड़े नेता अनावरण के लिए लाइन में न होते।

मै बात कर रहा हूँ बलिया जनपद के बैरिया तहसील के दलन छपरा गांव में डॉ राजेन्द्र प्रसाद और उनकी धर्मपत्नी राजवंशी दे वी की आदमकद प्रतिमा जो 1997 से अनावरण के इंतज़ार में बोरे में बंद है । दलन छपरा डॉ राजेन्द्र प्रसाद की ससुराल है । अखिल भारतीय कायस्थ महा सभा के कार्यकारी अध्यक्ष कैलाश लाल ने वर्षो से इस मूर्ति के अनावरण के लिए देश में राष्ट्रवादी राजनीति करने वाले सभी राजनेताओ की चौखट पर अपना सर झुकाया पर आज तक सफलता नहीं मिली है । पिछले विधान सभा चुनाव में वर्तमान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यह आश्वासन दिया था कि सरकार बनने पर बैरिया आकर मूर्ति का अनावरण करूँगा पर मुख्यमंत्री बनने के बाद दूसरी बार बैरिया आने के 2 मई के कार्यक्रम में भी मूर्ति अनावरण का कार्यक्रम न होने से श्री कैलाश लाल काफी व्यथित है ।श्री लाल ने कहा कि मुख्यमंत्री को कम से कम 4 साल पहले किया हुआ देश के सपूत की मूर्ति को बंधनमुक्त तो करना चाहिए । श्री लाल प्रधान मंत्री द्वारा संविधान सभा के सदस्य के जन्म दिन को संविधान दिवस घोषित करने और संविधान सभा के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद की उपेक्षा पर आश्चर्य व्यक्त किया ।श्री लाल ने कहा की बैरिया क्षेत्र के मूल निवासी बलिया के सांसद भरत सिंह को क्षेत्र को भारत के नक़्शे पर दलन छपरा और राजेन्द्र प्रसाद के संबंधो को स्थापित करने के लिए प्रयास करना चाहिए परंतु इनके द्वारा ऐसा न करना वोट बैंक की राजनीति को प्रदर्शित करता है । श्री लाल ने जिला प्रशासन पर भारत के महा महिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के कार्यालय से 6 माह से अधिक समय से आये पत्र को ठन्डे वस्ते में डाल कर मूर्ति अनावरण में रुकावट डालने का भी आरोप लगाया है । अब देखना है कि आगामी 1मई के प्रधान मंत्री का बलिया दौरा या 2 मई के मुख्यमंत्री के बैरिया दौरे पर देश के सपूत की मूर्ति पत्नी संग बंधन मुक्त होती है या राह देखेगी अनावरण की ।

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