2017 विधान सभा चुनाव में सी.एम.पद के लिए बी.जे.पी. मैदान में उतार सकती है इन दावेदारों को………
नई दिल्ली।यू.पी.में कमल ने 2017 में हो रहे विधान सभा चुनाव के लिए अपनी जड़ो को मज़बूत करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
2017 विधान सभा के चुनाव में बी.जे.पी. के लिए कई दावेदार सामने आ रहे है।
केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष की ज़िम्मेदारी सौंप दी गयी है।साइकिल और हाथी को टक्कर देने के लिए मौर्य सी.एम.पद के लिए उम्मीदवार हो सकते है।
बी.जे.पी. के लिए ऐसा नेता चुन पाना कोई चुनौती से कम नही है।
ऐसे में अगर राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो साफ है कि बीजेपी को यूपी की सत्ता तक पहुंचने के लिए अगड़े-पिछड़े दोनों का समर्थन जरूरी होगा और ऐसे में जातीय संतुलन बनाने के लिए बीजेपी सीएम उम्मीदवार के लिए किसी स्वर्ण का नाम घोषित कर सकती है। आइए जानने की कोशिश करते हैं कि कौन- कौन हो सकते हैं बीजेपी की तरफ से सीएम पद के उम्मीदवार।
एक नाम गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ का है। योगी पहली बार 1998 में 26 साल की उम्र में गोरखपुर से सांसद बने और तब से लगातार पांचवी बार सांसद हैं। योगी बीजेपी के लिए हिंदुत्व के सबसे बड़े चेहरों में से एक हैं और खास बात है कि उनके ऊपर भ्रष्टाचार का भी कोई मामला दर्ज नहीं है। दक्षिणपंथी सोच और आक्रामक बयानों के कारण ध्रुवीकरण करने में माहिर माने जाते हैं। राजपूत होने के कारण जहां बीजेपी को स्वर्णो का सात मिल सकता है तो वहीं दूसरी तरफ ध्रुवीकरण के जरिए आखिरी वक्त पक ओबीसी वोट को अपनी तरफ खींच सकते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी भी इस सूची में हैं। सूत्रों और रिपोर्टों की मानें तो स्मृति ईरानी के नाम को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तरफ से समर्थन मिल चुका है। हाल के दिनों में ईरानी एक मुखर वक्ता के रूप में उभर कर सामने आई हैं,और उनके पास प्रचार को सही दिशा में ले जाने की क्षमता भी है। तेजतर्रार नेता और विपक्षियों से सामना करने की मजबूत क्षमता के कारण स्मृति इस पद के लिए प्रबल दावेदार के रूप में मानी जा रही हैं।
इस सूची में एक और नाम वरुण गांधी का भी आ रहा है। ध्रुवीकरण में माहिर वरुण गांधी इस समय सुल्तानपुर से सांसद हैं। इससे पहले गांधी 2009 में पीलीभीत से सांसद चुने गए थे। 2009 में ही मुस्लिम विरोधी बयान देकर वरुण दक्ष्णपंथियों के लिए हीरो बन गए थे।
एक और नाम जो सामने आ है वो है कल्याण सिंह का। यूपी में लोध जाति के सबसे बड़े नेता और एक समय में बीजेपी के बड़े हिंदूवादी नेताओं में से एक कल्याण सिंह की संभावनी अभी भी बरकरार है। राजस्थान के राज्यपाल 84 साल के कल्याण सिंह से जब यह सवाल पूछा गया तो उन्होने कहा कि पार्टी का निर्देश सर्वोपरि है और इससे इतना साफ है कि कहीं न कही सिंह भी इस सूची में शामिल हैं।
इस पद के लिए चौंकाने वाला एक और नाम सामने आ सकता है। केंद्रीय संस्कृति मंत्री और नोएडा से सांसद महेश शर्मा के बारे में भी दबी जुबानों में चर्चा जारी है।
बी.जे.पी. के लिए सभी देवरदार अन्य पार्टियों पर भरी पड़ सकते है अब देखना ये है की कमल अपना उम्मीदवार किसे चुनती है।