गाजर को उसके प्राकृतिक रूप यानी कच्चा खाना लाभदायक होता है। भीतर का पीलापन भाग नहीं खाना चाहिए। क्योंकि, वह अत्यघिक गरम होता है। इससे छाती में जलन होती है।
★ शिवरात्री तक गाजर का सेवन लाभकारी है।
★ गाजर के रस का एक गिलास पूर्ण भोजन है। इसके सेवन से रक्त में वृद्धि होती है।
★ यह पीलिया की प्राकृतिक औषधि है। इसका सेवन ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर ) और पेट के कैंसर में भी लाभदायक है। इसके सेवन से कोषों और धमनियों को संजीवन मिलता है। गाजर में बिटा-केरोटिन नामक औषधीय तत्व होता है, जो कैंसर पर नियंत्रण करने में उपयोगी है।
★ गाजर ह्दय के लिए लाभकारी, रक्तको शुद्ध करने वाली, वातदोषनाशक, पुष्टिवर्द्धक तथा दिमाग और नस-नाडि़यों के लिए बलवर्घक, बवासीर, पेट के रोगों, सूजन, पथरी तथा दुर्बलता का नाश करने वाली है।
★ गाजर के बीज गरम होते हैं। अत: गर्भवती महिलाओं को उनका प्रयोग नहीं करना चाहिए।
★ कैल्शियम और केरोटीन की प्रचुर मात्रा होने के कारण छोटे बच्चों के लिए यह उत्तम आहार है। गाजर से आंतों के हानिकारक कीड़े नष्ट हो जाते हैं।
★ इसमें विटामिन ए काफी मात्रा में पाया जाता है। यह नेत्र रोगों में लाभदायक है।
★ गाजर रक्तको शुद्ध करने वाली होती है। 10-15 दिन गाजर का रस पीने से रक्तविकार, गांठ, सूजन और त्वचा के रोगों में लाभ मिलता है इसमें लौहतत्व भी अत्यघिक मात्रा में पाया जाता है। गाजर खूब चबा-चबा कर खाने से दांत भी मजबूत, स्वच्छ और चमकीले होते हैं। मसूढ़े मजबूत होते हैं।
★ रोजाना गाजर का रस पीने से दिमागी कमजोरी दूर होती है।
★ गाजर को कद्दूकस करके नमक मिलाकर खाने से खाज-खुजली में फायदा होता है।
★ गाजर के रस में नमक, घनिया पत्ती, जीरा, काली मिर्च, नीबू का रस डालकर पीने से पाचन संबंघी गड़बड़ी दूर होती है।
★ ह्दय की कमजोरी अथवा घड़कनें बढ़ जाने पर गाजर को भूनकर खाने पर लाभ होता है।
★ गर्मी में गाजर का मुरब्बा दिमाग के लिए फायदेमंद होता है।