नीरज परिहार
आगरा-पिनाहट । कस्बा स्थित चम्बल नदी प्लाटून पुल के रविवार को भारी वाहन गुजरने की बजह से पुल के स्लीपर हट कर चम्बल में जा गिरे। तभी मध्यप्रदेश की तरक से भूसा से भरे ट्रेक्टर उत्तर प्रदेश की तरक आ रहे थे। जो कि स्टीपर हटने की बजह से पुल के बीचोबीच पुल में कस गया। और ट्रेक्टर पानी में जाते जाते प्लाटून पुल पर लगी ऐंगल से अटक गया। जिससे ट्रेक्टर पर बैठे आधा दर्जन लोग नदी में गिरने से बाल बाल बच गये। ट्रेक्टर कसने और गिरने की सूचना पर क्षेत्र में हडकंप मच गया। सूचना पर ठेकेदार और कर्मचारियों के पसीने छूट गये। दोनों तरक से सैकडों वाहनों की लम्बी लाइन के साथ कतार लग गयी। घण्टों जाम लगा रहा प्लाटून ठेकेदार कर्मचारियों द्वारा पुल को ठीक और पुल में कसे ट्रेक्टर ट्रौली को निकालने के लिए छोटी क्रेन को बूलाया गया। तब जाके ट्रेक्टर को निकालकर पुल को मरम्मत कर ठीक किया गया। पुलिस द्वारा दोनों तरक के वाहनों को धीरे धीरे निकाला गया। चम्बल प्लाटून पुल पर बडा हादसा होने से टल गया। प्लाटून पुल ठेकेदार अपने कायदे के लिए लोगों की जान से खिलवाड कर रहे है। दो वर्ष पूर्व कॉच के कबाडे से भरा ट्रक स्लीपर टूटने की बजह से चम्बल में गिर गया था जिसमें दो लोग गम्भीर घायल हो गये थे। समय रहते उन्है बचा लिया गया। मगर ठेकेदारों और पीडब्लू डी विभाग की घोर लापरवाही के चलते पुल से दिन रात भारी वाहनों को मोटी रकम लेकर निकाला जाता है। जबकि प्लाटून पुल पर भारी वाहनो का गुजरना वर्जित है। अगर जल्द ठेकेदारों पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही नही की गयी तो बडी घटना से इन्कार नही किया जा सकता है।