फरीदाबाद में हुड़दंग से रोकने पर पुलिस से ज्यादती करने के मामले में पुलिस की ही कार्यशैली पर सवाल उठ खड़े हुए। पुलिस कस्टडी में जहां दो इंजीनियरों को थर्ड डिग्री टॉर्चर दिया गया, वहीं कोर्ट के आदेश के बावजूद इनका मेडिकल भी नहीं करवाया गया। अब कोर्ट ने मामले के जांच अधिकारी को शो-कॉज नोटिस जारी किया है।
गुप्तांग में घुसेड़ा डंडा, पैर में फ्रैक्चर सहित कई गंभीर चोटे।
नशे में पुलिस से मारपीट का किया था केस दर्ज
– प्राप्त जानकारी के अनुसार सेक्टर-8 में रहने वाले दोनों युवक पेशे से इंजीनियर हैं और एक निजी कंपनी में जॉब करते हैं।
– 16 अप्रैल की रात को करीब दो बजे ये दोनों खाना खाने के लिए सेक्टर-11-12 कोर्ट रोड स्थित एक ढाबे पर पहुंचे थे, जिन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। साथ ही सेक्टर-7 थाने में पुलिस से मारपीट करने, वर्दी फाड़ने और गाली-गलौच का केस भी दर्ज किया गया।
– अगले दिन दोनों को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जहां से इन्हें न्यायिक हिरासत में नीमका जेल भेज दिया गया।
– आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने लाठी-डंडे से इन दोनों की बेरहमी से पिटाई की। इनमें से एक युवक के पैर में फ्रैक्चर आ गया।
कोर्ट ने आदेश दिया, फिर भी नहीं कराया मेडिकल
– आरोप यह भी है कि सुबह इन दोनों को बगैर मेडिकल कराए अदालत में पेश किया। पीड़ितों ने मेडिकल की अपील की तो कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिए कि दोनों आरोपियों को बोर्ड पैनल द्वारा मेडिकल मुआयना सुबह 9.30 बजे कराया जाए, लेकिन बावजूद इसके 2 बजे तक भी मेडिकल नहीं कराया गया।
फिर ऐसे खुला मामला
– इस बीच अचानक हाईकोर्ट के निरीक्षण जज राजेश बिंदल कोर्ट में थे तो पीड़ितों के माता-पिता निरीक्षण जज से मिले और उन्हें सारे हालात बताए।
– उनके आदेश पर नायब कोर्ट ने जमानत याचिका के एवज में जवाब बनाकर पेश हुए इस मामले के जांच अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया कि समय पर मेडिकल मुआयना क्यों नहीं कराया गया। हालांकि मेडिकल रिपोर्ट अभी पुलिस को नहीं मिली है। शाम को कोर्ट ने दोनों की जमानत भी स्वीकार भी कर ली।
ये है पीड़ित का आरोप, क्या बोले वकील
– पीड़ित इंजीनियर का कहना है कि उसके दोस्त के माता-पिता व अन्य लोग वृंदावन परिक्रमा के लिए गए थे। उसी के साथ खाना खाने के लिए रात को घर से निकला था। दोनों में से किसी ने भी शराब नहीं पी रखी थी। पुलिसकर्मी बेवजह आकर उनसे उलझे और मारपीट करने लगे। एक पुलिसकर्मी ने उसके गुप्तांग में डंडा घुसेड़ दिया, जिसकी वजह से उससे चला भी नहीं जा रहा।
– इसके अलावा पीड़ित इंजीनियर के वकील एनके गर्ग का कहना है कि पुलिस इतना बुरा हाल तो डाकू-लुटेरों का भी नहीं कर सकती। उनके मुव्वकिल को बिना वजह परेशान किया गया है। शुक्र है कि न्यायालय जैसी व्यवस्था है, नहीं तो पुलिस का एकाधिकार लोगों से उनकी जिंदगी भी छीन ले। उन्होंने यह भी बताया कि इससे पहले भी पुलिस की बर्बरता के वाकयात सामने आ चुके हैं।
चौकी प्रभारी बोले-झगड़े में लगी चोट
सेक्टर-11 चौकी प्रभारी करतार सिंह का कहना है कि वह नाइट ड्यूटी पर थे, जब सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे तो इन दोनों युवकों ने नशे की हालत में मारपीट की और बहुत गंदी-गंदी गालियां दी। यहां तक कि बीके अस्पताल में तैनात ड्यूटी डॉक्टर के साथ भी बदसलूकी की। युवक को जो चोट लगी, वो उसे पहले ही झगड़े में लग चुकी थी।