आगरा (ब्यूरो रिपोर्ट) एत्मादपुर: गांव छिरवाई में गुरुवार को दिल दहलाने वाली घटना से सनसनी फैल गई। गांव से दूर मकान बनाकर रहने वाली 50 वर्षीय महिला को अज्ञात लोगों ने छप्पर में लगे खंभे से बांध जिंदा जला दिया। आग में घर में रखा सामान भी जल गया। मृतका के बेटे ने साजिश के तहत जिंदा जलाने का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस जांच की बात कह रही है।
एत्मादपुर थाना क्षेत्र के गांव छिरवाई से आधा किमी दूर स्थित निहाल सिंह की ठार में यमुना किनारे 50 वर्षीय राजवती पत्नी पंतोली का एकमात्र मकान बना है। वह अपने बच्चों के साथ यहां 18 साल से रह रही थीं। गुरुवार दोपहर करीब चार बजे घर में अचानक आग लग गई। शाम पांच बजे राजवती का बेटा मक्खन पशुओं को चरा कर लौटा, तो घर में लगी भीषण आग देख होश उड़ गए। उसकी चीख-पुकार सुनकर आसपास खेतों में काम करते ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। ग्रामीणों और फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया, तब तक लपटों में घिरी राजवती जलकर दम तोड़ चुकी थी। विकराल आग ने घर के बाहर पड़े छप्पर, बाइक, खाद्यान्न समेत सारा सामान जलाकर राख कर दिया था।
राजवती के पेट पर शॉल लिपटा देख पुत्र मक्खन ने सुनियोजित तरीके से घर में आग लगाकर मां को जिंदा जलाने का आरोप लगाया है। बेटे के अनुसार, उन्हें घर के पास जंगल में पशु चरा रही एक महिला ने बताया कि राजवती छप्पर में लगे लकड़ी के खंबे से बंधी हुई थी, लेकिन उनके आस पास कोई नहीं था।
एसएसपी डॉ.प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि घटना की जांच के लिए फोरेंसिक टीम भेजी जाएगी। आरोप सही पाए जाने पर कार्रवाई होगी।
एकमात्र घर होने के कारण नहीं लगी भनक
ग्रामीणों का कहना था कि राजवती का घर गांव से काफी दूर एकांत में होने के कारण घटना का समय रहते पता नहीं लग सका। आसपास दूर तक किसी अन्य ग्रामीण का घर वहां नहीं है। इसके चलते आग लगने की भनक किसी को नहीं लग सकी।
डेढ़ साल पहले देवर की गोली मारकर की गई थी हत्या
राजवती 18 वर्ष पूर्व पति की मौत के बाद से देवर निहाल सिंह और अपने तीन बेटों करन, अशोक व मक्खन के साथ निहाल सिंह की ठार में रह रही थीं। बड़ा बेटा दिनेश वर्तमान में अपनी ननिहाल गारापुर में रह रहा है। बताया गया है कि डेढ़ साल पहले राजवती के देवर निहाल सिंह की भी गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। मामले में निहाल सिंह के परिजनों ने राजवती उसके बेटों को नामजद किया था। पुलिस इस पहलू से भी मामले की जांच कर रही है।
सवाल मांगते जवाब
-वृद्धा छप्पर के नीचे जली हालत में पड़ी मिली। जबकि आग लगने पर उसके पास वहां से भागने का पूरा मौका था।
-महिला की लाश खंभे के पास ही पड़ी थी। उसके पेट पर शाल लिपटी हुई थी, जबकि गर्मी में उसे ओढ़ने की जरूरत क्यों पड़ गई। परिजनों का मानना है कि राजवती को खंभे से बांध कर जलाया गया।
-पास में अपाचे बाइक खड़ी थी, आशंका जताई जा रही है कि उससे पेट्रोल निकालकर तो आग नहीं लगाई गई।