(Pnn24डेस्क)आगरा: बदलते दौर में तकनीक ने लोगों की मुश्किलें कम कर दी हैं, लेकिन दूसरी तरफ यही तकनीक परेशानी बनी है। आधार कार्ड बनवाने के लिए जरूरी फिंगर प्रिंट में नमी मुश्किलें खड़ी कर रही है। स्थिति यह है कि पंजीकरण के बावजूद 20 फीसद कार्ड निरस्त हो रहे हैं।
सरकारी योजनाओं समेत अन्य स्थानों पर आधार कार्ड को व्यक्तिगत पहचान का सबसे महत्वपूर्ण आधार बनाया गया है। यूपीए सरकार में कार्ड बनना शुरू हुए, मगर बीच में रुक गए। मोदी सरकार आने के बाद एक बार फिर से आधार को महत्वपूर्ण बनाते हुए कार्ड बनवाना शुरू किया गया।
आधार कार्ड बनवाने के लिए केंद्र पर जाकर पंजीकरण कराना होता है। इसके बाद आवेदक की आंखों और हाथों की अंगुलियों के मशीन से प्रिंट सुरक्षित किए जाते हैं। जानकारों के मुताबिक बढ़ते प्रदूषण और बिगड़ते खान पान से लोगों की त्वचा शुष्क और मोटी हो रही है। जिससे आधार बनवाने के लिए पहुंचने वाले जब बायोमेट्रिक मशीन पर अंगुलियां रखते हैं तो शुष्क हो चुकी त्वचा कोई रेस्पोंस ही नहीं करती। ऐसे में पंजीकरण के बाद भी आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। अब तक यह समस्या केवल अधिक उम्र के लोगों में ही आ रही थी, लेकिन अब युवाओं को भी ये समस्या झेलनी पड़ रही है।
आधार पंजीकरण के समय चार बार दोनों हाथों की अंगुलियों की छाप ली जाती है। अगर छाप 40 प्रतिशत से कम है तो आधार पंजीकरण प्रक्रिया निरस्त कर दी जाती है।
संजय प्लेस स्थित आधार नियमित सेंटर के प्रबंधक अमित जयसवाल ने बताया कि जिन लोगों का आधार कार्ड के लिए पंजीकरण किया जाता है उनमें से 20 फीसद आधार कार्ड निरस्त हो रहे हैं। इनमें करीब पांच फीसद हिस्सेदारी उंगलियों के निशान न आने के मामलों की है।
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अब अपडेट भी होंगे आधार
परेशानी के साथ-साथ लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। अब लोग अपने आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट करा सकते हैं। जिससे आधार कार्ड में लगे फोटो को भी अपडेट कराया जा सकेगा। बायोमेट्रिक अपडेट की सबसे ज्यादा जरूरत उन बच्चों के लिए थी जिनके कम उम्र में आधार कार्ड बनने से उनका फोटो पुराना ही लगा होता था। लेकिन अब इसे अपडेट करके नया कार्ड जारी हो जाएगा।
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एलर्जिक डर्मेटाइटिस और सोरियोसिस नामक बीमारी के कारण फिंगर प्रिंट न आने की समस्या आती है। कुछ दवाओं के साइडइफेक्ट से भी ऐसा हो रहा है।
– पीके सिंह, चर्म रोग विभागाध्यक्ष, एसएन मेडिकल कॉलेज।