सबसे संतोष की बात यह है कि भाजपा की साजिशी शह पर जिन विधायकों ने महज कांग्रेस ही नहीं, लोकतंत्र और अपने मतदाताओं को भी धोखा दिया, उन्हें भी सबक मिला और वे न घर के हुए, न घाट के। एक गहरी साजिश के घने कुहासे को चीरते हुए जिस तरह से संघर्षों में तपकर श्री हरीश रावत का कुशल नेतृत्व उभरा है,वह उत्तराखंड में लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक है।
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