कानपुर। इब्ने हसन ज़ैदी। कानपुर में कैबिनेट मंत्री आज़म खान से जब मीडिया ने सवाल पूंछा की कानपुर मेट्रो परियोजन को केंद्र सरकार ने सहमति नहीं दी है इसके जवाब में उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा की उनकी लोक तंत्र में ही सैद्धांतिक सहमति नहीं है तो अगर इसमें क्या ताजुब की बात है । अगर डिग्रियां फर्जी, भाषा फर्जी, घोषणा फर्जी यह भी फर्जी, क्या हो गया। जब उनसे पूंछा गया की कैसे मैट्रो चलवाएंगे तो उन्होंने कहा की अब जैसा बीज हमने बोया है उसी का फल आएगा । आप सब ने बड़ा सहयोग किया था आप ही लोग है तो लाने वाले। बादशाह ने खुश कर दिया आपने बादशाह थोप दिया 125 करोड़ जनता पर कौन – कौन सी खुबिया नहीं बताई थी आपने। आपको तो मिल गए 20 – 20 लाख रूपए हमको तो नहीं मिले।
तो अब जो किया है वो भरो। मिडिया पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा की आप लोग देश को किसी दिन इतनी बड़ी कीमत चुकाने पर मजबूर करोगे की देश उसे बर्दास्त नहीं कर पाएगा।
उत्तराखंड पर बोलते हुए उन्होंने कहा की कांग्रेस का तो बहुमत है साबित ही हो गया सुप्रीम कोर्ट को डिक्लेयर करना था बस। राष्ट्रपति शासन तो केंद्र ने ही लगाया था। दिल्ली का चुनाव बिहार का चुनाव सारे बाई इलेक्शन अब अन्य राज्यों के नतीजे आने वाले है। अब इसके बाद आप खुद ही बता देना की क्या होना चाहिए। राज्य पाल से विवाद पर उन्होंने कहा की हमारा उनसे कोई विवाद नहीं है। हमारे तो वो बुजुर्ग है , बड़े है और जब बहुत बुजुर्ग हो जाते है तो उनकी हर बात सुननी भी चाहिए और सहनी भी चाहिए। उनका कुछ कहा बुरा नहीं लगता हमें। हमारा तो सिर्फ एक सैद्धांतिक विरोध है की जो बिल विधानसभा से पास हुआ है, उसमे कानून सबके लिए बराबर है और वो कानून यह है की अगर कोई गबन होगा धोखा-धड़ी होगी तो जितने नगर निकाय है उसके अध्यक्षों पर और अधिकारियो पर रपट भी लिखी जाएगी और कार्यवाही भी होगी। लेकिन अब तक 60 साल तक मेयर लोगो पर यह कानून लागू नहीं था तो इस कानून की अनदेखी थी। पहली बार हमारी नजर पड़ी तो हमने उस डिस्पेरिटी ऑफ़ ला था उसे ख़त्म किया सबको एक दायरे में लेकर आए। मगर क्यों की मेयर लगभग सभी भाजपा के है तो राज्य पाल जी ने भाजपा को बचाने के लिए उस पर दस्तखत नहीं किये।
आज़म खान कानपुर के जाजमऊ इलाके में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने आये थे ।