गाजीपुर। मुहम्मद इसरफील। कृष्णानंद हत्याकांड में सीबीआई नहीं चाहती कि मऊ विधायक मुख्तार अंसारी को जमानत मिले। गाजीपुर PNN24 न्यूज़ को सूत्रो से मिली खबर के मुताबिक सीबीआई की दिल्ली कोर्ट में गुरुवार को जमानत अर्जी पर सीबीआई कड़ा विरोध की। कहाकि आरोपी का टेरर है। वह जेल से बाहर निकल कर कृष्णानंद हत्याकांड के गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। उसके पूर्व जमानत अर्जी पर मुख्तार के वकीलों ने पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले में पूर्व सांसद अफजाल अंसारी समेत कई को जमानत मिल चुकी है। लिहाजा मुख्तार को भी जमानत पर रिहा होने का हक हैं।
न्यायाधीश एसके शर्मा ने जमानत अर्जी पर दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा लिया। उम्मीद है कि 14 या 16 मई को फैसला सुनाएंगे। इसी क्रम में कृष्णानंद हत्याकांड में भी सुनवाई हुई। बुधवार को मुकदमा वादी रामनारायण राय ने कोर्ट को बताया कि साजिश कर किस तरह उनके तत्कालीन भाजपा विधायक भाई कृष्णानंद और उनके साथ के लोगों की हत्या हुई थी। हालांकि दूसरे दिन मुकदमा वादी से बचाव पक्ष को जिरह करना था लेकिन उनकी ओर से अर्जी पड़ी कि तबीयत नासाज होने के कारण वह फिलहाल कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सकते। न्यायाधीश ने मुकदमे की सुनवाई के लिए 28 मई और आठ-नौ जून की तारीख तय की।
ज्ञातव्य हो कि मुहम्मदाबाद के भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या 29 नवंबर 2005 को भांवरकोल थाना के बसनिया गांव में हुई थी। उसमें विधायक समेत सात लोगों मौके पर मारे गए थे। मुख़्तार अंसारी समर्थको में एक आशा की किरण इस ज़मानत को लेकर अभी भी है। न्यायालय के फैसला सुरक्षित रखने के आदेश की सुचना मुहम्मदाबाद कस्बे में पहुचते ही क्षेत्र में चर्चाओ और आपसी जिरह भी गर्म हो गई। इन चर्चाओ में मुख़्तार अंसारी पर लगे आरोपो की तुलना अन्य बाहुबलियों पर लगे हुवे आरोपो से की जा रही है जिसमे कई अन्य बाहुबली आज सलाखों के बाहर है जबकि मुख़्तार अंसारी आज भी जेल के अंदर ही है।