कानपुर। मुहम्मद नदीम। पप्पू यादव आज पत्रकारिता जगत का एक विवादित नाम बनकर रहे गया है जिसकी ईमानदार पत्रकारिता पर कई फ़र्ज़ी और गंभीर आरोप लगाये गए है और ये सारे आरोपो पर मुहर लगाने का काम किया है जूही थाने की पुलिस ने जिसकी आखो में पप्पू यादव फाँस की तरह से चुभ रहा था जूही थाने का एक-एक सिपाही पप्पू यादव से त्रस्त था थाना अध्यक्ष से लेकर चौकी इंचार्ज तक पप्पू यादव से घबराते थे
यहाँ तक कि क्षेत्र के दागी लोग भी पप्पू यादव से खौफ खाते थे क्यों,क्यों,क्यों ,क्यों जूही थाने के अधिकारी से लेकर एक अदना सा सिपाही भी पप्पू यादव से घबराता था क्या वजह हो सकती है क्या जूही थाने की पुलिस कुछ गलत कर रही थी जो ईमानदार पत्रकार पप्पू यादव के रहते नहीं कर पा रही थी ताज्जुब हो रहा है जिस पुलिस से संसार के बड़े-बड़े दिग्गज घबराते हो वो पुलिस कलम के एक अदने से सिपाही से घबरा गई ये बात कुछ हज़म नही हो रही है कुछ तो गड़बड़ घोटाला हो रहा है पप्पू यादव को फ़र्ज़ी केस में लपेटने में आखिर किसको फायदा होगा पप्पू यादव को फर्जी फ़साने में क्यों उदासीनता दिखा रही है जूही पुलिस पप्पू यादव को लेकर कही ऐसा तो नही पप्पू यादव को फर्जी मामले में फ़साने का चक्रव्यूह जूही पुलिस ने रचा हो और मोहरा किसी और को बनाया बनाया गया हो
ऊ का है ना हम अभई तओ कुछ भी ना कहे सकब हमऊ भी जाच वाच कर लेब पप्पू यादव प्रकरण माँ ओके बाद ही कुछ बोलब वैसे हमरी तो आदत वा ही है बक-बक करन की जो सच दिखा वो जहर समझकर उगल दिया
वैसे पप्पू यादव प्रकरण में दाल में कुछ तो काला है वरना जूही पुलिस की पप्पू यादव से क्या दुश्मनी हो सकती है जो उससे खुन्नस खा रही है खैर परेशान होने वाली कोई बात नही है नारद मुनि के वंशज पत्रकार इस प्रकरण का भी जल्द खुलासा कर देंगे