सीडीओ ने इस मामले में अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी रसड़ा सुमित कुमार सिंह, तकनीकी सहायक राघवेन्द्र कुमार तथा रोजगार सेवक रमेश कुमार से दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों न आपकी सेवा समाप्त करते हुए धन की रिकवरी करायी जाए। दरअसल कुछ दिनों पहले बस्तौरा गांव के एसके गौतम व प्रेम राजभर ने शिकायत किया कि लोनिवि रोड गौरा से लोनिवि सड़क तक चकबन्ध के कार्य में 02 लाख 75 हजार तीन सौ दस रूपये फर्जी तरीके से पेमेंट करा लिया गया है। सीडीओ श्री बालाजी ने इसकी जांच डीसी मनरेगा से करायी तो पता चला कि पूर्व प्रधान द्वारा यह कार्य कराया गया है। वर्तमान प्रधान दयाशंकर तिवारी, सचिव केदार यादव, तकनीकी सहायक राघवेंद्र कुमार व रोजगार सेवक रमेश कुमार ने आपस में मिलकर पत्रावली तैयार कर उक्त चकबन्ध पर विना काम कराये 02 लाख 75 हजार 03 सौ दस रूपये का भुगतान करा लिया। बाद में रोजगार सेवक रमेश कुमार ने लिखित रूप में अवगत भी करा दिया कि प्रधान सचिव ने दबाव डालकर मस्टररोल पर दस्तखत करवाया है। स्थलीय जांच के समय गांव वालों ने भी बताया कि पिछले छः महीने में इस चकबन्ध पर कार्य ही नही हुआ। सीडीओ ने कहा है कि संतोषजनक स्पष्टीकरण नही मिलने पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होगी। इसके अलावा बेलहरी ब्लाक के उदवंतछपरा में भी ग्राम पंचायत के कार्य में गबन का मामला प्रकाश में आया है। बीते 29 मई को डीसी मनरेगा व बेलहरी बीडीओ ने गांव में वर्ष 2015-16 में कराये गये कुछ कार्याें का स्थलीय निरीक्षण किया था जिसमें कई कमियां पाई थी। इसकी रिपोर्ट सीडीओ को सौंपी। सीडीओ ने रोजगार सेवक धातृचरण उपाध्याय तथा तकनीकी सहायक बृजेश कुमार तिवारी से स्पष्टीकरण मांगा है। जांच के दौरान अधिकारी द्वय ने कृपाल ब्रह्म बाबा के स्थान से राजकिशोर उपाध्याय के घर तक बन्धी कार्य, गुप्तेश्वर तिवारी के घर से कृपाल ब्रह्म तक बन्धी कार्य, मदन यादव के घर से विरेंद्र यादव के घर तक बन्धी कार्य, देवनाथ के घर से मदन यादव के घर तक मिटटी कार्य, पीच सड़क से लालबहादुर के घर से सरजू नाला में पुलिया के कार्य का स्थलीय निरीक्षण किया। जांच में पाया कि मिट्टी ट्रैक्टर से डाली गयी है और यह कार्य वर्ष 2015-16 में कराया ही नही गया है। फिर भी धन का दुरूपयोग/गबन करने के लिए फर्जी मस्टररोल भरा गया। इसी गांव में हुए कार्य नेम छपरा प्रा0पा0 के सामने दोनों तरफ मिट्टी कार्य की जांच में पाया कि यह कार्य भी 2015-16 में नही कराया गया है। इस कार्य पर वर्ष 2012-13 में 59 हजार 02 सौ 42 रूपये व्यय हो चुका है। इस गबन के मामले में सीडीओ ने दोनों कर्मियों को दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है, अन्यथा दोष सिद्ध माना जाएगा।
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