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प्रधानाचार्य को हुआ पछतावा,माँगी माफ़ी

★ऊँट बने प्रधानचार्य के सामने पहाड़ बनकर खड़े हुए पत्रकार अरविंद….
★झोंक रहे थे बच्चों का भविष्य अंधेरों में,बच्चों से करा रहे थे धान की रोपाई
★खबर छपने पर पत्रकार को दी थी जान से मारने की धमकी।
【राहुल सिंह/अनमोल आनन्द।】
बेल्थरा रोड(बलिया)।सच पर कभी झूठ हावी नही होता।सच को कितना भी दबाने की कोशिश की जाये,पर सामने आ ही जाता है।कभी कोई नेता या बाहुबली डरा धमकाकर या पैसो से के बल पर किसी व्यक्ति की सच्चाई को खरीदना चाहता है।पर हर कोई डर कर या पैसो को अपनी जेब में भर कर नेता या बाहुबली के इशारों पर नही नाचता।
खासकर बात जब एक पत्रकार की करें जो सच का साथ देता है।सच को सामने लाता है।ऐसा ही सच का साथ दिया हमारे पी एन एन के रिपोर्टर अरविंद ने। पिछली बार  नवीन हुसैन मेमोरियल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य अपने ही स्कूल के बच्चों से धान की रोपाई करा रहे थे। पीएनएन24 के पत्रकार अरविंद ने इस खबर को उजागर किया था। इस पर खबर पर प्रधानाचार्य जी तिलमिला उठे थे और पत्रकार जो जान से मारने व टांग तोड़ने की धमकी तक दे दी थी।
पत्रकार पर इस ज़ुल्म को देख संगठन भी आक्रोश में थे। जान के मारने धमकी की खबर  उजागर हुई और पत्रकार ने थाना स्थानीय में मुकदमा दर्ज कराया और उचित कार्यवाही की माँग की। इस पर सुचना पर बलिया के समस्त पत्रकार एक हो गए और अपनी एकता की मिसाल कायम करते हुवे प्रशासन को चेतावनी दी कि कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। थानाध्यक्ष उभाव नन्हेराम सरोज ने भी अपने कर्तव्यों का बखुबी पालन किया और कड़ी कार्यवाही को अग्रसर हो गए। खुद को घिरा देख तिरनाई के अंतर्गत नविन हुसैन मेमोरियल इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य फैजान अहमद ने  पत्रकार अरविन्द कुमार सिंह से माफ़ी मागना बेहतर समझा और क्षेत्र के संभ्रांत लोगो को बीच में डालकर पत्रकार अरविन्द सिंह के आवास गए और सार्वजनिक रूप से लिखित माफ़ी मांगी। पुलिस के सामने अपनी गलती को स्वीकार्य किया और कहा ऐसी गलती दुबारा नही की जायेगी।
पत्रकार अरविंद ने क्षेत्र के संभ्रांत लोगो के समझाने और प्रधामचार्य के रोज़े का सम्मान करते हुवे अपनी दिलेरी दिखाई और प्रधानाचार्य को माफ़ कर दिया। पत्रकार की इस बहादुरी को पीएनएन24 की टीम सलाम करती है। श्री अरविन्द ने अपने साथ खड़े हुवे सभी पत्रकारो का आभार व्यक्त करते हुवे कहाकि यह फैसला  क्षेत्र के बड़े बुज़ुर्गो के सम्मान को कायम रखने के लिए मैंने लिया है, प्रधानाचार्य रोज़ा रखे थे और मेरे इस कदम से अल्लाह खुश होगा। यह एक समाज को स्वच्छ सन्देश भी है कि हर पर्व का सम्मान हमारे देश में सभी धर्मो के लोग बराबर करते है।
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