मोहित / ललित
रामपुर। उचित मानदेय की मांग को लेकर आज सुबह से ही अंबेडकर पार्क में आशाओं का मेला लगने लगा था। अंबेडकर पार्क से सपा कार्यालय तक पैदल सफर तय कर माननीय नगर विकास मंत्री आजम खान से मिली आशाएँ। अंबेडकर पार्क में आशा कार्यकत्री वेलफेयर एसोसिएशन की आशा कार्यकत्रियों ने प्रशासन से नहीं ली थी अनुमति। रैली की प्रशासन को कानो कान नहीं थी भनक प्रशासन ने रैली को रामपुर मे स्थित गांधी समाधि पर रोका काफी झड़प के बाद आगे जाने दिया।
आशाओं ने उचित मानदेय राशि की मांग को लेकर आज सुबह से ही रामपुर के अंबेडकर पार्क में आशाओं का मेला लगने लगा था अंबेडकर पार्क से सपा कार्यालय तक पैदल रैली के दौरान पुलिस प्रशासन से काफी झडप के बाद सपा कार्यालय पहुंच कर माननीय नगर विकास मंत्री आजम खान से अपनी समस्याएं सुनाते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि 2006 में प्रदेश भर में आशाओं की नियुक्ति की गईं उस समय आशा के कार्य के बदले मानदेय दिया जाना तय किया गया था परन्तु अब 2016 में हम सभी आशा बहनें विगत 10 वर्षो से इसी प्रकार सर्दी गर्मी बरसात बेसहारा बनकर अपने बच्चों का भरण-पोषण कर रही हैं।उन्होंने अपनी तुलना मजदूर से करते हुए कहा कि हम से कहीं ज्यादा बेहतर तो मजदूर हैं जो रोजाना 300-350 रूपये कमा रहे हैं।उन्होंने समाजवादी सरकार के संदर्भ में कहा कि जब समाजवादी सरकार ने वादा किया था कि वे आशाओं को सरकारी कर्मचारी बनाया जाएगा व नियत मानदेय देने की बात की गई थी लेकिन अब तक समाजवादी सरकार के पांच साल पूरे होने तक भी ऐसी कोई पहल सरकार द्वारा नहीं की गई।उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द हमारी ये मांग पूरी न की गई तो वह निरंतर आन्दोलन करेंगी व हडताल पर भी बैठेंगी।