माहे रमजान नबी ए करीम सल्लाअलैहि सल्लम के वशिले सेअल्लाह ने रोजे नमाजो जकात फितरे व तमाम इबाहदतो को माहे रमजान मे कइ गुना बडा कर शबाब अता करते है मुसलमानो को रमजान में अपनी आय से 4o वां भाग जकात मे निकाल कर गरीबो मोहताजो और जरूरतमंदो को मदद करते के लिये यह पाक महीना उपयुक्त हे व खुदा की राह मे समर्पित करने का प्रतीक माहे रमजान है व ना शिर्फ रहमतो व बरकतो की बारीश करता है बल्कि संर्पूण मानव जाति को प्यार मोहब्बत व भाईचारे के साथ रहने का पैगाम देता है मुस्लिम युथ फ्रन्ट के अध्यक्ष असलम शेख ने कहा कि मुस्लिम बंधु ज्यादा से ज्यादा इबादत करे और गुनाहो से बचे व आपस में मोहब्बत के साथ इद की खुशियां मनाऐ
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