मऊ। विदेश में नौकरी का ख्वाब सजाए युवाओं के साथ धोखा और फरेब की एक और घटना सामने आई है। विदेशी धरती पर उत्पीड़न का शिकार हो रहा यह युवा अब वतन आने को छटपटा रहा है। रहने, खाने और सोने की भी माकूल व्यवस्था न देते हुए उससे जबर्दस्ती अन्य काम लिए जा रहे हैं। जबकि वीसा कंपनी में काम दिलाने का था। अब उसे रुलाई के सिवा कुछ सूझ नहीं रहा।
उसकी हालत जान परिजनों ने प्रधानमंत्री कार्यालय तथा विदेश मंत्रालय से उसे वापस बुलाने की गुहार लगाई है। बात कर रहे हैं विकास खंड कोपागंज के मुहम्मदपुर शहरोज निवासी त्रिवेणी साहनी के पुत्र चंदन साहनी की विदेश जाकर भविष्य को सुखद बनाने का ख्वाब संजोए चंदन ने सोनावर बलिया निवासी सूर्या साहनी व पाहीघाट, मुबारकपुर आजमगढ़ निवासी कपिलदेव साहनी नामक एजेंटों से संपर्क किया। इन एजेंटों ने जीएएमसीए मुंबई में चंदन का मेडिकल कराया और मस्कट भेज दिया। चंदन को किसी कंपनी में काम दिलाने की बात कही गई थी। मस्कट पहुंचने पर चंदन को किसी कंपनी में काम न दिलाकर उससे बाहर काम कराया जा रहा है। काम की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है। वहां उसके रहने, खाने-पीने की भी कोई सुविधा नहीं है। खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर किया जा रहा है। लेबर कार्ड के लिए 50 हजार रुपये की मांग अलग से की जा रही है। चंदन का वहां उत्पीड़न किया जा रहा है। उसे तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहां मुसीबतें झेल रहे चंदन के कष्ट जान परिवार वालों की भी हालत खराब है। पुत्र को वापस स्वदेश बुलाने के लिए उसके पिता त्रिवेणी साहनी ने भारत सरकार के प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय को पत्र लिखकर गुहार लगाई है।