लखनऊ। प्रदेश में आपराधिक न्याय प्रणाली को सुदढ़ बनाने के उद्देश्य से सीसीटीएनएस योजना के माध्यम से न्यायालय, पुलिस, अभियोजन, कारागार, एवं विधि विज्ञान प्रयोगशाला आदि के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जायेगा। Inter-operable Criminal Justice System-ICJS Inter-operable के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु प्रदेश में एक राज्य स्तरीय समिति के गठन का निर्णय शासन द्वारा लिया गया है। यह कमेटी इसके क्रियान्वयन पर अध्ययन कर शासन को अपनी रिर्पोट यथाशीघ्र सौपेगी। इसकी जिम्मेदारी पुलिस विभाग की तकनीकी शाखा को सौपी गयी है।
यह निर्णय प्रमुख सचिव, गृृह श्री देबाशीष पण्डा की अध्यक्षता में आज कमाण्ड सेन्टर एनेक्सी में सम्पन्न एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। बैठक में गृह, न्याय, अभियोजन, कारागार, तकनीकी सेवाएं एवं पुलिस महानिदेशक मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियो ने भाग लिया। इस सम्बन्ध में गृृह मंत्रालय भारत सरकार से भी आवश्यक निर्देश प्राप्त हुए थे।
शासन के इस निर्णय से उपरोक्त विभागों के बीच अन्र्त-कार्यकारी समन्वय स्थापित हो सकेगा तथा आपराधिक न्याय प्रणाली से जुड़े विभागों के बीच में सूचनाओं के आदान-प्रदान में तेजी आयेगी। बैठक में बताया गया किInter-operable Criminal Justice System-ICJS Inter-operable के तहत ई-पुलिस, ई-प्रिजनअ, बाल संरक्षण गृह, ई-कोर्ट, ई-अभियोजन, ई-फारेन्सिक आदि को सीसीटीएनएस योजना के माध्यम से आपस में जोड़ा जायेगा।