लखनऊ : राज्यसभा चुनाव के लिए वोटिंग से दो दिन पहले लखनऊ का राजनीति पारा चढ गया है. लखनऊ में कांग्रेस के नेता जब राज्यसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा के लिए जुटे थे, उसी वक्त दिल्ली में अजित सिंह की पार्टी राष्ट्रीय लोकदल ने बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस और एसपी को समर्थन देने का एलान कर दिया.
11 सीटों के लिए होना है मतदान
राज्यसभा की 11 सीटों के लिए कुल 12 उम्मीदवार मैदान में है. समाजवादी पार्टी ने 7, बीएसपी ने 2, कांग्रेस और बीजेपी ने 1-1 उम्मीदवार उतारे हैं. लेकिन प्रीति महापात्रा के निर्दलीय उतर जाने से चुनाव की नौबत आई है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी खरीद फरोख्त की राजनीति करने में जुटी है इसीलिए उसने निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन दिया है.
एक उम्मीदवार को 34 वोट की जरुरत
विधानसभा की कुल 403 सीटें हैं. एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 34 वोटों की जरूरत है. समाजवादी पार्टी के पास 229 विधायक हैं. यानी सातों उम्मीदवार को जिताने के लिए 9 और वोटों की जरूरत होगी. पीस पार्टी के 4 और लोकदल के विधायकों के समर्थन से समाजवादी पार्टी के तमाम उम्मीदवार जीत जाएंगे. अपने वोटों से बीएसपी के 2 और बीजेपी का 1 उम्मीदवार भी आसानी से जीत जाएगा.
कांग्रेस को जरुरत है 5 वोट की
पेंच फंस रहा है कांग्रेस के कपिल सिब्बल का.कांग्रेस के पास 29 विधायक हैं और उसे पांच और वोटों की जरूरत है. जबकि बीजेपी समर्थित प्रीति महापात्रा के पास बिना जोड़ तोड़ के इस वक्त बीजेपी के 7 और अन्य के 3-4 विधायक हैं. जब तक बीएसपी आरएलडी के विधायक क्रॉस वोटिंग नहीं करते तब तक प्रीति की राह मुश्किल है. बहरहाल यही वजह है कि अजीत सिंह के एलान से कांग्रेस राहत महसूस कर रही है.