Categories: Crime

कटाई के 20 घण्टे के अन्दर मिल को गन्ने की आपूर्ति करना आदर्श समय

बहराइच (नूर आलम वारसी)प्रदेश में गन्ना उपज एवं चीनी परता में सुधार के लिए गन्ना विकास विभाग गन्ना कटाई के लिए अनुकूलतम कार्यक्रम तैयार करेगा। प्रायः देखा गया है कि गन्ना कटाई व पेराई के मध्य अधिक अन्तराल हो जाने से गन्ना उपज व चीनी परता में कमी आ जाती है। आदर्श परिस्थितियों में गन्ना कटाई के 20 घण्टे के अन्दर ही मिल को गन्ने की आपूर्ति कर दी जानी चाहिए। गन्ना कटाई एवं पेराई के मध्य अन्तर को कम करने के लिए गन्ना विकास विभाग की ओर से गन्ना ”कटाई कार्यक्रम” तैयार कर उसे क्रियान्वित कराया जायेगा। जिससे गन्ना उत्पादन एवं चीनी परता में उल्लेखनीय वृद्धि से गन्ना कृषकों के साथ-साथ चीनी मिल को भी लाभ पहुचाया जा सके।

प्रदेश के गन्ना आयुक्त विपिन कुमार द्विवेदी की ओर से जारी किये गये पत्र के हवाले से यह जानकारी जिला गन्ना अधिकारी राम किशन ने दी है। उन्होंने बताया कि कभी-कभी कृषक, चारे की आवश्यकता के लिए खेत में खड़े गन्ने से अगोला काट लेते है तथा काफी समय बाद मिल पर्चा प्राप्त होने पर उसकी आपूर्ति मिलों को करते हैं, इससे कृषक एवं चीनी मिल दोनों को ही हानि होती है। क्योंकि अगोला काटने से प्रतिदिन वजन एवं शर्करा के स्तर में कमी होती जाती है। गन्ना किसानों को सुझाव दिया गया है कि बसन्त कालीन गन्ने में शीघ्र पकने वाली प्रजातिया एवं पेड़ी, इसके बाद मध्य देर से पकने वाली प्रजातिया एवं अन्त में देर से पकने वाली प्रजातियों की कटाई करें। इस व्यवस्था से चीनी परता में आशातीत वृद्धि की जा सकती है।
गन्ने की फसल में उच्चतम नमी स्तर का भी विशेष महत्व है। क्लीमेन्ट(1951) ने नमी इन्डेक्स विकसित किया तथा कटाई के समय लीफशीथ में 74 प्रतिशत नमी का मापदण्ड बनाये रखने की संस्तुति की है। गन्ने की फसल पक कर तैयार हो जाने पर सुक्रोज अपनी उच्चतम सीमा स्तर पर तथा ग्लूकोज न्यूनतम स्तर पर पहुंच जाता है, अर्थात जब रस में सुक्रोज का प्रतिशत 16.00-18.00 के बीच पहुंच जाय और ग्लूकोज 0.1 से 0.5 प्रतिशत के मध्य हो जाने पर गन्ना परिपक्वता आ जाती है। गन्ना कृषकों को यह भी सुझाव दिया गया है कि गन्ने को भूमि की सतह से काटना चाहिए तथा चीनी मिलों को आपूर्ति किये जाने वाले गन्ने में सूखी पत्तिया एवं जड़ें नहीं रहनी चाहिए तथा गन्ना कटाई के 20 घण्टे के अन्दर ही मिल को गन्ने की आपूर्ति कर दी जाय। बरसात के मौसम में तेज़ हवा चलने से गन्ने की फसल गिर जाने से भी शर्करा परता पर कुप्रभाव पड़ता है। इससे बचने के लिए गन्ना किसानों को सलाह दी गयी है कि माह जुलाई के अन्त में 150 से.मी. की ऊचाई पर गन्ने की पहली बंधाई तथा उसके 50 से.मी. ऊपर माह अगस्त में दूसरी बंधाई करने से गन्ने की फसल सुरक्षित रहे।
pnn24.in

Recent Posts

कानपुर: विसाती तकिया कब्रिस्तान बना हुआ है क्रिकेट का मैदान, सो रहे है ज़िम्मेदारान

मो0 कुमेल कानपुर: साहेब कुछ समझ नही आता क्या हुआ इस पीढ़ी को जिसे सही…

11 hours ago

लखीमपुर खीरी: अदरक व्यवसाई से हुई लूट का महज़ 48 घंटे में किया पुलिस ने खुलासा, घटना में शामिल 4 अभियुक्त गिरफ्तार, एक फरार

फारुख हुसैन लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी जिले में बीते 2 दिन पूर्व हाईवे पर दिल…

11 hours ago

अफगानिस्तान के तालिबान ने किया पकिस्तान पर जवाबी हमले का दावा, कहा पाकिस्तान आर्मी के सैनिक मारे गए और कई घायल हुवे

मो0 कुमैल डेस्क: अफ़ग़ानिस्तान में फिलहाल शासन कर रहे तालिबान ने कहा है कि उसने…

12 hours ago

दुधवा में शुरू हुई बाघों की गणना,चार चरणों में होगी बाघों गणना, बाघों की संख्या में देखने को मिल सकता है इजाफा

फारुख हुसैन लखीमपुर खीरी: लखीमपुर जिले के दुधवा टाइगर रिजर्व में एक बार फिर बाघों…

12 hours ago

महाकुम्भ मेले के पहले खीचे जा रहे हाई टेंशन तार का टावर गिरने से कई मजदूर हुवे घायल, घायलों में एक की स्थिति गंभीर

तारिक खान प्रयागराज: प्रयागराज में महाकुंभ से पहले एक बड़ा हादसा हुआ है। कुंभ की…

13 hours ago