बहराइच। नूर आलम वारसी। उत्तर प्रदेश में गर्भवती महिलाओं तथा 06 माह से 06 वर्ष तक के अतिकुपोषित बच्चों के पोषण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा संचालित ”हौसला पोषण योजना-फीडिंग कार्यक्रम” का मा. मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव 15 जुलाई को शुभारम्भ करेंगे इसके साथ ही यह कार्यक्रम जिले के सभी आगनबाड़ी केन्द्रों पर लागू हो जायेगा। हौसला पोषण मिशन अन्तर्गत लक्षित गर्भवती महिलाओं को दैनिक रूप से निर्धारित मानकों के अनुसार गर्म पका-पकाया भोजन, आयरन की गोलिया, स्वास्थ्य पोषण परामर्श तथा बच्चों को पका-पकाया भोजन, वृद्धि की निगरानी, बच्चों की माताओं को स्वास्थ्य पोषण परामर्श एवं अन्य सेवाएं यथा टीकाकरण, सप्लीमेण्ट आदि प्रदान किया जायेगा। इसके अतिरिक्त लक्षित महिलाओं को मीनू के अनुसार दही/दूध व मौसमी फल तथा बच्चों को प्रतिदिन मौसमी फल व घी की खुराक दी जायेगी।
उल्लेखनीय है कि महिलाओं में कुपोषण की स्थिति का आंकलन करने के लिए वर्ष 2013-14 में रैपिड सर्वे आफ चिल्ड्रेन के अनुसार 100 या उससे अधिक आयरन की गोलिया खा पाने वाली महिलाओं का प्रतिशत मात्र 4.3, गर्भावस्था के दौरान 03 या उससे अधिक प्रसव पूर्व जाॅच कराने वाली महिलाओं का प्रतिशत 36.6 तथा जन्म के समय 2.5 किलोग्राम से कम वज़न वाले नवजात शिशु का प्रतिशत प्रदेश में 22.5 पाया गया है। नेशनल फैमली हेल्थ सर्वे 2005-06 के आकड़े के अनुसार प्रदेश में हर दूसरी गर्भवती महिला एनीमिया (होम्योग्लोबीन 11 ग्राम से कम) से ग्रसित है।
इसी प्रकार 06 माह से 06 वर्ष के बच्चों में कुपोषण की स्थिति का आंकलन करने के लिए वर्ष 2013-14 में हुए रैपिड सर्वे आफ चिल्ड्रेन के अनुसार प्रदेश में 0 से 5 वर्ष की आयु के अल्पवज़न बच्चों की दर 34.9 प्रतिशत, गम्भीर रूप से अल्पवज़न बच्चों की दर 12.9 प्रतिशत तथा जन्म के समय 2.5 किलोग्राम से कम वज़न वाले नवजात शिशुओं का प्रतिशत 22.5 पाया गया है। माह सितम्बर 2015 में 06 माह से 06 वर्ष के बच्चों के वज़न की माप के लिए वृहद स्तर पर आयोजित किये गये वज़न दिवस के दौरान पूरे प्रदेश में 14.60 लाख अतिकुपोषित बच्चों का चिन्हाकन किया गया था।
गर्भवती महिलाओं को स्पाट फीडिंग कराकर, कैलोरी और प्रोटीन के अन्तर की भरपाई, एनीमिया की रोकथाम के लिए प्रत्येक गर्भवती महिलाओं को कम से कम आयरन की 100 गोलियों का सेवन, नियमित परामर्श सत्रों के माध्यम से संस्थागत प्रसव तथा नवजात शिशुओं के स्तनपान को बढ़ावा देना तथा गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार लाकर शिशुओं को कुपोषण से मुक्त रखने तथा 06 माह से 06 वर्ष तक के बच्चों में कैलोरी-प्रोटीन एव माइक्रोन्यूट्रियन्ट के अन्तर की भरपाई, ग्रोथ चार्ट के माध्यम से स्वास्थ्य सुधार की निगरानी, वीएचएनडी के दिन लक्षित बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण और टीकाकरण के साथ-साथ परिवार एवं समुदाय आधारित परामर्श सत्रों के माध्यम से आमजन में जागरूकता लाये जाने के उद्देश्य से 15 जुलाई 2016 से ”हौसला पोषण-फीडिंग कार्यक्रम” लागू किया जा रहा है।
हौसला पोषण मिशन अन्तर्गत प्रत्येक आगनबाड़ी केन्द्र पर गर्भवती महिलाओं को बेसिक शिक्षा विभाग अन्तर्गत संचालित मध्यान्ह भोजन योजना के मेन्यू के अनुसार गर्म पका-पकाया भोजन, सोमवार से शनिवार तक प्रत्येक दिन मौसमी फल, प्रत्येक सप्ताह में बुधवार, वृहस्पतिवार एवं शुक्रवार को 175 मि.ली. दही/दूध प्रदान किया जायेगा। एक गर्भवती महिला को गर्भावस्था के दौरान 2600 कैलोरी व 82 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। आईसीडीएस का पूरक पोषाहार व गर्भवती महिला के लिए अतिरिक्त गर्म भोजन व फल को सम्मिलित करते हुए उपरोक्त मेन्यू गर्भावस्था के दौरान 56 प्रतिशत ऊर्जा व 57 प्रतिशत प्रोटीन की आवश्यकता की पूर्ति करेगा।
आगनबाड़ी केन्द्र पर अतिकुपोषित बच्चों को वर्तमान में आईसीडीएस विभाग द्वारा दी जाने वाली अनुपूरक पोषाहार की मात्रा 200 ग्राम प्रतिदिन अर्थात पाच पैकेट प्रतिमाह है जिससे इस श्रेणी के बच्चों को प्रतिदिन उपलब्ध होने वाली ऊर्जा 840 कैलोरी एवं प्रोटीन की मात्रा 24 ग्राम है। इसके अतिरिक्त हौसला पोषण मिशन प्रत्येक आगनबाड़ी पर सोमवार से शनिवार तक 06 माह से 06 वर्ष तक के अतिकुपोषित बच्चों को मुरमुरा चना/ग्लूकोज़ बिस्किट, मौसमी फल तथा 20 ग्राम घी प्रदान किया जायेगा। एक अतिरिक्त स्नैक्स, घी व फल के माध्यम से बच्चों को प्रतिदिन 400 कैलोरी व 2 ग्राम प्रोटीन प्राप्त होगी। ज्ञातव्य हो कि 1 से 3 वर्ष तक के बच्चों को सामान्यतः 1240 कैलोरी व 22 ग्राम प्रोटीन तथा 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को सामान्यतः 1600 कैलोरी व 30 ग्राम प्रोटीन की दैनिक आवश्यकता होती है।