★कई दर्जन एसपी, एएसपी हो चुके हैं ठगी के शिकार
★गुड वर्क के नाम पर पुलिस अधिकारियों को बनाता था ठगी का शिकार
जौनपुर। प्रदेश के कई दर्जन पुलिस कप्तानों को चूना लगाने वाले शातिर ठग को जौनपुर एसपी रोहन पी कनय से ठगी करना भारी पड़ गया जिसमें उसे जेल भी जाना पड़ा। आज पुलिस लाइन के मनोरंजन कक्ष में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जिला पुलिस प्रमुख रोहन पी कनय ने बताया कि मोहम्मद सईद नामक ये शातिर ठग प्रदेश के विभिन्न जनपदों के करीब चार दर्जन पुलिस कप्तान, अपर पुलिस कप्तान को पुलिस का मुखबिर बताकर गुड वर्क के नाम पर धनादोहन करता था।
लेकिन अब तक जितने भी पुलिस कप्तान इस ठग के जाल में फंसकर अपने को ठगा महसूस करते हुए इस तथ्य को छिपाकर रखते हुए चुप्पी साढ़े बैठे हुए थे, जिससे इस शातिर ठग का हौसला बढ़ता जा रहा था। जिसके क्रम में इस ठग ने किसी नम्बर से हमारे आवास स्थित टेलीफोन पर यह कहा कि हमारी बात स्वाट प्रभारी से कराइये जिसपर स्वाट प्रभारी द्वारा जब उस नम्बर पर बात किया गया तो उसने अपने को पुलिस का मुखबिर बताते हुए क्राइम सम्बन्धी बड़ी सूचना जिसमें 18 माउजर एवं 12 किलो कोकीन भी बरामद कराने का दावा किया था।
इसपर स्वाट प्रभारी ने विश्वास में आकर उसकी मांग पर एक रिजर्व गाडी किराए पर दिलाने के लिए सात हजार रूपये खाता संख्या – 31801649488 में जमा करा दिया। इसके बाद जब स्वाट प्रभारी ने उसे फोन किया तो वह इधर उधर की बाते करने लगा फिर बाद में कहा कि 10 जुलाई को आठ बजे जलालपुर स्टेशन पर मिलेंगे और पूरी जानकारी वहीं देंगे। जिसके क्रम में जब क्राइम ब्रांच की टीम 10 जुलाई को आठ बजे जलालपुर स्टेशन पर पहुंची तो उसे फोन मिलाने लगे लेकिन उसका फोन कवरेज एरिया से बाहर बताने लगा था। जिसपर स्वाट प्रभारी को यह समझने में देर न लगी की वह भी ठगी के शिकार हो चुके हैं।
इसी क्रम में ठग द्वारा बताये गये फोन नम्बर को जब सर्विलांस पर लगाया तो उसका लोकेशन पीलीभीत बताने लगा। जिसपर स्वाट प्रभारी ने जलालपुर थाने में पूरे घटना क्रम से सम्बंधित मुकदमा एक तहरीर देकर पंजीकृत कराया साथ ही एसपी को पूरे घटना क्रम से अवगत कराया। जिसपर एसपी ने थानाध्यक्ष जलालपुर को निर्देशित किया की तत्काल टीम बनाकर इस मामले का पर्दाफाश करें जिसपर थानाध्यक्ष जलालपुर ने तत्काल कार्यवाही करते हुए उक्त खाते के खाताधारक को थाने पर तलब किया जिसपर खाताधारक मुहम्मद आलम पुत्र अनवर ने 13 जुलाई 2016 को थाने पर पूछ ताछ के दौरान ठग द्वारा दिए गये नम्बर के बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि यह नम्बर तो हमारा ही है और उसने यह बोला था कि भाई मुझे बहुत जरूरी काम है। गाँव का होने का नाते मैंने उसे अपना खाता नम्बर और एटीएम दे दिया था। साथ ही उसने पुलिस को यह भी बताया कि उसके साथ सईद ( ठग ) भी आया परन्तु वह जरूरी काम बताकर गाजीपुर जनपद चला गया। इसपर पुलिस ने उसके गाजीपुर जाने का मकसद पूछा तो उसने बताया कि वह गांजे का नसेड़ी है और अवैध गांजे का कारोबार भी करता है। उसने यह भी बताया कि वह यानी शातिर ठग मादक पादर्थों की तश्करी करता है। चूंकि मोहम्मद सईद पंजाब प्रदेश में मादक पदार्थों के कारोबार में 12 साल जेल में भी रह चुका है। यह भी पता चला है कि यह ठग अपराधिक मामले में धारा 307 का मुल्जिम भी है। जिसपर पुलिस ने आलम के मोबाइल से ठग सईद से उसकी लोकेशन पूछवाई तो उसने बताया कि वह गाजीपुर जनपद के खानपुर में है और वह चंदवक से बस पकड़ के वाराणसी कैंट पहुंचेगा वही मिलिए, वहीं से साथ घर चला जाएगा। इस सूचना पर हरकत में आये थानाध्यक्ष जलालपुर ने मौके की नजाकत को समझते हुए तत्काल थानाध्यक्ष को पूरे घटना क्रम से अवगत कराया जिसपर पुलिस ने उसकी घेरे बंदी कर उसके पास से पांच किलो गंजा दो एटीएम कार्ड एक मोबाइल फोन जिसमें दो सिम कार्ड लगे थे बरामद किया। पुलिस हिरासत में आरोपी ने बताया कि वह प्रदेश के पुलिस अधिकारियों को उनके सीयूजी नम्बर पर फोन करके क्राइम सम्बन्धी सूचना देने के नाम पर झांसा देकर खाते में पैसा जमा करता है। ऐसे ही प्रदेश के कई दर्जन पुलिस के अधिकारी इसके झांसे में आ चुके हैं। गिरफ्तार अभियुक्त मोहम्मद सईद पुत्र हामिद, प्रदेश के पीलीभीत जनपद के अमरियाँ थाना क्षेत्र के उदयपुर गाँव का निवासी है। ठग को गिरफ्तार करने में थानाध्यक्ष चंदवक अनिल कुमार सिंह व उनके सहयोगी जवानों की सराहनीय भूमिका रही है।