बहराइच। नूर आलम वारसी। मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डा. बलवन्त सिंह ने उप मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं पशु चिकित्साधिकारियों की मासिक बैठक के दौरान निर्देश दिया है कि पशु नस्ल सुधार कार्यक्रम के अन्तर्गत कृत्रिम गर्भाधान कार्य मुख्यमंत्री के विकास एजेण्डे में है इसपर विशेष ध्यान दिया जाय। जिस गाय या भैंस का कृत्रिम गर्भाधान किया जाय उसे टैग लगाना अनिवार्य है और इससे उत्पन्न बच्चों को भी टैग लगाया जायेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि गुणवत्तापरक कृत्रिम गर्भाधान का कार्य किया जाये इसमें संसाधन की कमी नहीं आने दी जायेगी। अपने-अपने क्षेत्र के पैरावेट को सक्रिय कर यह कार्य कराना सुनिश्चित करें।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. श्री सिंह ने यह भी निर्देश दिया है कि गलाघोंटू टीकाकरण कार्य की ऐसा रोस्टर तैयार करें कि टीकाकरण कार्य 10 अगस्त तक पूर्ण कर लिया जाय। मिनी कामधेनु एवं माइक्रो कामधेनु इकाईर्यों का नियमित निरीक्षण करते रहें और प्रगति की अद्यतन सूचना जिला मुख्यालय को उपलब्ध कराते रहें। जनपद में एक हजार लेयर की इकाई स्थापित कराने के लिए प्रत्येक विकास खण्ड से एक-एक प्रार्थना पत्र जिला मुख्यालय कार्यालय को भेंजे जिससे की निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्षाकाल में पशुओं में विभिन्न प्रकार की बीमारियां पैदा होने की सम्भावना रहती है आप सभी अपने-अपने क्षेत्रों का नियमित भ्रमण कर स्थिति पर सतर्क निगाह रखें और यदि पशुओं में किसी प्रकार की बीमारी की सूचना प्राप्त होती है तो तत्काल मौके पर पहुॅचकर पशुओं का उपचार सुनिश्चित करायें। साथ हीं इस सम्बन्ध में मुझे भी अवगत करायें।