संजय ठाकुर की कलम से।
भारतीय जनता पार्टी से राज्यसभा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने संसद सदस्यता से त्यागपत्र देकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया। यह बीजेपी के लिए एक बड़ा झटका है क्योकि सिद्धू का पार्टी में एक बड़ा कद था और इस तरह से पार्टी को छोड़ना जब केंद्र में सत्ता हो और खुद राज्यसभा सांसद हो।
सिद्धू के पार्टी छोड़ने से बीजेपी में खलबली जरूर होगी क्योकि कई राज्यो में विधानसभा चुनाव सर पर है और इस तरह से पार्टी के एक स्टार प्रचारक का पार्टी से इस्तीफा देना , सभी लोगो के मन में भ्रम जरूर उत्पन्न करता है। सिद्धू के पार्टी छोड़ने के पीछे कई तरह के सवाल उठ रहे है कहा ये भी जहा है कि सिद्धू को पार्टी में वो मान सम्मान और कद नही मिल पा रहा था जिसके वो हक़दार थे। या फिर बीजेपी के प्रति लोगो में वो सम्मान न रहना जो लोकसभा चुनाव में था और सिद्धू भी कई राज्यो में स्टार प्रचारक के रूप में बीजेपी का प्रचार कर रहे थे जिससे आगे आने वाले चुनाव में उनका राजनैतिक छेत्र खतरे में पड़ सकता था।
जो भी हो इस तरह से अगर स्टार प्रचारक पार्टी से नाता तोड़ते रहे तो बीजेपी को पंजाब व उत्तर प्रदेश में करारा झटका मिलना तय है क्यूँकि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश ही नही पुरे देश की जनता से किये लुभावने वादों में कोई भी वादा 2 साल में पूरा नहीं किया जिसका परिणाम कई प्रदेशो की जनता चन्द दिनों पहले कई राज्यो में हुए विधानसभा चुनाव में दे चुकी है, और कुछ इन्ही बातो को ध्यान में रखते हुए सिद्धू ने बीजेपी से नाता ख़त्म करना ही उचित समझा होगा।