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जनपद में रेशम उत्पादन को बढ़ावा के लिए रू. 12 करोड़ की परियोजना स्वीकृत।

नूर आलम वारसी।

बहराइच : मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश द्वारा जनपद में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक रेशम विकास परियोजना तीन वर्षों के लिए 12 करोड़ की स्वीकृत की गयी है जिसके अन्तर्गत शहतूत वृक्षारोपण, रेशम कीटपालन, रेशम कोया उत्पादन से लेकर रेशम धागाकरण एवं रेशम वस्त्रों का निर्माण का कार्य जनपद में ही किया जायेगा। परियोजना के पूर्ण होने पर जनपद बहराइच में रेशम कोया उत्पादन 02 लाख किलोग्राम हो जायेगा तथा प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लगभग पांच हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

यह जानकारी देते हुए सहायक निदेशक रेशम एके सिंह ने बताया कि इस परियोजना से प्रथम बार जनपद में ‘स्वाइल टू सिल्क’ अर्थात शहतूत की झाड़ी से रेशम की साड़ी की परिकल्पना पूर्ण होने जा रही है। इस योजना को संचालित करने के लिए अत्यन्त पिछड़ा क्षेत्र विकास खण्ड मिहींपुरवा को चुना गया है। मिहींपुरवा क्षेत्र के जंगल के आस-पास के गांव में शहतूत की खेती 0.50-0.50 एकड़ क्षेत्रफल में कराकर रेशम उत्पादन का कार्य कराया जायेगा। जिसमें दो वर्षो में 200 किसानों को लाभान्वित किया जायेगा।
श्री सिंह ने बताया कि इसके अतिरिक्त रेशम धागाकरण की आधुनिक ईकाइ तथा रेशम बुनाई केन्द्र की स्थापना रेशम फार्म कल्पीपारा में किया जायेगा। रेशम वस्त्रों  के उत्पादन के उपरान्त इसकी विक्री के लिए कल्पीपारा में ही रेशम वस्त्र शो-रूम की स्थापना की जायेगी। योजना में लाभार्थियों का चयन उनकी भूमि की उपलब्धता, सिचाई की सुविधा के अनुसार प्रारम्भ कर दिया गया है। इच्छुक कृषक/लाभार्थी स्थानीय स्तर पर राजकीय रेशम फार्म महादेवा विकासखण्ड मिहींपुरवा के प्रभारी से सम्पर्क कर शहतूत वृक्षारोपण के लिए आवेदन फार्म प्राप्त कर सकते हैं।

नूर आलम वारसी।।

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