मऊ (संजय/यशपाल)। मधुबन स्थानीय तहसील क्षेत्र में गरीबों में वितरण के लिए आने वाले खाद्यान्न की कालाबाजारी करने वाले कोटेदारों के सिन्डीकेट को तहसील प्रशासन ने तोड़ना शुरू कर दिया है। पूरे क्षेत्र में कोटेदारों के ऊपर समानांतर प्रशासनिक व्यवस्था चलाने वाले एक कोटेदार की दुकान को उप जिलाधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी ने निलंबित कर दिया है। वहीं अभी कई और कोटेदार निशाने पर हैं जो अपरोक्ष पूरे क्षेत्र की राशन दुकानो का संचालन करते हैं।
स्थानीय तहसील क्षेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली पूरी तरह पंगु हो गई है। खाद्यान्न वितरण के लिए गांवों में न जाकर सिंडिकेट के माध्यम से सीधे गोदाम से ही तस्करी के जरिए बाहर भेज दिया जाता था। इसमें कोटेदार से लेकर विभागीय लोगों तक लाखों का वारा न्यारा होता था। इसके चलते ब्लाक से लेकर तहसील मुख्यालय तक आए दिन ग्रामीण धरना प्रदर्शन करते रहे लेकिन कोटेदारों के सिंडिकेट के आगे उनका प्रदर्शन नक्कारखाने में तूती की आवाज साबित हो रहा था। इसी बीच अभी कुछ दिन पूर्व ही स्थानीय तहसील में बतौर एसडीएम तैनात सूर्यकांत त्रिपाठी को इस गड़बडझाले की भनक लग गई। उन्होने इस सिन्डीकेट के एक मजबूत पाए के रूप में विख्यात एक कोटेदार की दुकान की तहसीलदार से जांच कराकर अनयमितता उजागर होने पर निलंबित कर दिया। इससे कोटेदारों में हड़कंप मच गया है। स्थानीय पूर्ति कार्यालय में विभाग के समानांतर प्रशासनिक व्यवस्था चलाने वाले कुछ कोटेदार व खाद्यान्न माफियाओं की भी गोपनीय जांच कराई जा रही है। जल्द ही इनके खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।