बलिया :- सिकंदर पुर क्षेत्र में लाल निशान पार करने के साथ ही घाघरा नदी रौद्र रूप धारण करती जा रही है।तटीय इलाकों में हो रहे कटान के कारण जमीन के साथ-साथ फसलों की बर्बादी का सिलसिला जारी है।जलस्तर में वृद्धि के कारण कुतुबगंज घाट के समीप के दब गये दोनों ठोकर पानी में डूबते जा रहे है।साथ ही डूंहा स्थित वनखंडी नाथ मठ की सुरक्षा हेतु बोरियों से बनाई गई बंधी पर पानी चढ़ने लगा है, जबकि परमधाम डूंहा के पीछे से गुजर रहे बंधा से नदी का पानी सट गया है।
यही स्थित कठौड़ा के सामने नदी किनारे स्थित पूर्व मंत्री स्व.जगन्नाथ चौधरी के बाग के समीप भी है।जहां नदी का पानी बाग के जमीन पर दबाव बनाकर बहने लगा है।इसी के साथ कठौड़ा रेगुलेटर के नीचे से हो रहा पानी का तेज रिसाव अधिकारियों के आश्वासन के बाद भी बंद नहीं हो पाया है।जिससे नदी का पानी ताल कठौड़ा में तेजी से फैलकर फसलों को तबाह कर रहा है।जिला पंचायत सदस्य अनंत मिश्रा ने रेगुलेटर से पानी के रिसाव को तत्काल रोकने को प्रशासन से मांग किया हेै, जिससे फसलों की बर्बादी को रोका जा सके।उधर पूर्वापेक्षा सीसोटार, लीलकर व खरीद दियारों में कटान का सिलसिला जारी है। उधर, रेवती क्षेत्र में टीएस बंधा पर तिलापुर के सामने दबाव बना हुआ है।कमोवेश, बिल्थरारोड इलाके के तटीय इलाकों में भी कटान हो रहा है, लेकिन हर जगह की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है।