लायंस क्लब बहराइच सेंट्रल द्वारा त्रिमुहानी घाट बहराइच पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
बहराइच : लायंस क्लब बहराइच सेंट्रल द्वारा त्रिमुहानी घाट बहराइच पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में सैकड़ो पौधे लगाए गए और क्लब के पदाधिकारियों और सदस्यों द्वारा आगे भी अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाने का संकल्प लिया गया | कार्यक्रम में लायंस क्लब बहराइच सेंट्रल के अध्यक्ष अरविन्द बंसल, कोषाध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह ,मीडिया प्रभारी अक्षय कुमार शर्मा ,जीतेन्द्र माहेश्वरी ,मयंक माहेश्वरी ,मोहित माहेश्वरी ,नितिन माहेश्वरी ,विपिन अग्रवाल ,नितेश लाठ ,गौतम मल्होत्रा ,विकास जालान,सुमित टेकड़ीवाल ,अमित टेकड़ीवाल ,शुभांक अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
स्वच्छ वातावरण और महिलाओं के सम्मान के लिए शौचालय समय की मागः महेन्द्र
बहराइच : जिलाधिकारी अभय के निर्देश पर जनपद बहराइच में तैनात प्रशिक्षु आईएएस ज्वाइंट मजिस्टेट महेन्द्र गाव-गाव जाकर लोगों को स्वच्छ शौचालय का निर्माण करने के लिए प्रेरित कर रहे है। श्री महेन्द्र गाव में जाकर ग्रामवासियों के साथ बैठक कर उन्हें मात्र स्वच्छ शौचालय का निर्माण कराने की सीख ही नहीं दे रहे हैं बल्कि उनके आस-पास उपलब्ध संसाधनों से कम से कम लागत में शौचालय निर्माण के तौर-तरीकों की जानकारी भी प्रदान कर रहे हैं। अपने इस अभिनव अभियान के लिए श्री महेन्द्र ने अब तक जिले के कई ग्रामों का भ्रमण भी किया है। इसी कड़ी में वृहस्पतिवार की देर शाम श्री महेन्द्र ने विकास खण्ड चित्तौरा अन्तर्गत ग्राम नगरौर और डीहा का भ्रमण कर ग्रामवासियों को स्वच्छता और स्वच्छ शौचालय के महत्व से अवगत कराया।
ग्राम पंचायत नगरौर एवं डीहा के भ्रमण के दौरान श्री महेन्द्र ने कहा कि स्वच्छ वातावरण और महिलाओं के सम्मान के लिए शौचालय समय की माग हैं। उन्होंने कहा कि खुले में शौच करने से गाव-ग्राम में जहा नाना प्रकार के संक्रामक रोगों को पैर पसारने का मौका मिलता है वहीं इससे गाव में गन्दगी भी बढ़ती है जिससे गाव के साथ यहा पर निवास करने वाले लोगों की सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आती है। श्री महेन्द्र ने कहा कि घर में शौचालय न होने का सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि परिवार के सम्मान की प्रतीक महिलाओं को शौच के लिए घर से दूर खेत-खलिहानों में जाना पड़ता है। जिससे आये दिन यह सुनने में आता है कि शौच के लिए घर से बाहर गयी महिला के साथ अमर्यादित व्यवहार किया गया है।
श्री महेन्द्र ने कहा कि पूर्व में हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि खुले में शौच करने से हमें क्या नुकसान हो सकता है। लेकिन आज के दौर में हमें इस बात की प्रमाणिक जानकारी है कि खुले में शौच करने से गाव के पेयजल के स्रोत प्रदूषित हो सकते हैं जिससे पूरा गाव संक्रामक बीमारी की चपेट में आ सकता है। उन्होंने कहा कि खुले में शौच करने से बच्चे जिन्हें स्वच्छता की समझ नहीं होती, उन्हें गन्दगी से होनी वाली बीमारियों का खतरा सबसे अधिक होता है। उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने-अपने घरों में शौचालय अवश्य बनवायें और नियमित रूप से उसका उपयोग भी करें।
ग्रामवासियों के साथ बैठक के दौरान श्री महेन्द्र ने लोगों को आस-पास उपलब्ध संसाधनों से कम से कम कीमत पर शौचालय निर्माण करने के टिप्स दिये। उन्होंने कहा कि घर-घर में स्वच्छ शौचालय का निर्माण कराये जाने के लिए सरकार द्वारा योजना संचालित की जा रही है। लोग अपने विकास खण्ड, ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी इत्यादि से सम्पर्क कर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहाकि अक्सर लोग शौचालय बनवाते समय यह सोचते हैं कि जब पैसा होगा तो मार्बलयुक्त शौचालय बनवायेंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि ऐसे विचारों को त्याग कर अपनी क्षमता के अनुसार स्वच्छ शौचालय का निर्माण कर गाव व समाज को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने में सहयोग करें।
प्रशिक्षु आईएएस ने चैपाल में मौजूद स्वच्छता मिशन के जिला समन्वयक पंकज शर्मा व अभिषेक सिंह को निर्देश दिया कि कम से कम लागत में तैयार होने वाले शौचालयों का गाव में माडल के रूप में निर्माण करायें ताकि लोग उसे देखकर अपने-अपने घरों में शौचालयों का निर्माण कर सकें। श्री महेन्द्र ने यह भी सुझाव दिया कि लोगों को स्वच्छता का महत्व समझाने के लिए संभ्रांत महिलाओं और पुरूषों की कमेटी भी गठित की जाये। ताकि गाव के यह असरदार बुजुर्ग लोग लोगों को सभ्य और मधुर अंदाज में स्वच्छता और शौचालय के निर्माण के लिए प्रेरित कर सकें।