नूर आलम वारसी।
बहराइच/श्रावस्ती। नेपाल के पहाड़ों पर मूसलाधार बारिश के चलते श्रावस्ती में हाहाकार मचा हुआ है। नेपाल के पानी से सौ से अधिक गांव में बाढ़ का प्रभाव है। अधिक मात्रा में पहुंचे पानी से 50 से अधिक गांव का सम्पर्क मार्ग कट गया। बाढ़ को बढ़ता देख बुधवार को श्रावस्ती डीएम ने एसपी के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया है। ग्रामीणों को सुरक्षित जगहों पर लाने का काम तेज कर दिया गया है। जलस्तर में निरंतर वृद्धि से हालात बिगड़ते जा रहे हैं।
नेपाल के पहाड़ों में बादल जमकर बरस रहे हैं जिसके चलते श्रावस्ती में बाढ़ ने तबाही मचाना शुरू कर दिया। श्रावस्ती जिले के शिकारीचैड़ा, हरिहरपुर, गुरुदत्तपुरवा, बरुहा, भगवानपुर, मोगला समेत 50 गांवों से संपर्क टूट गया है। जबकि 100 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। हालात यह हैं कि लोगों के गांव और घरों में दो से तीन फुट पानी भरा हुआ है। मवेशियों के अहाते और छप्पर पर बच्चे व महिलाएं शरण लिए हुए हैं। जिन ग्रामीणों के मकान कट रहे हैं, वे गृहस्थी समेटकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं। बाढ़ के चलते ग्रामीण तो बदहाल हैं ही पर मवेशी भी पानी में फंसे हैं। कमर भर पानी गांव के मार्गों पर चल रहा है।
2014 में 15 अगस्त को आई थी बाढ़
नेपाल से छोड़ा गया पानी कितनी तबाही मचाता है, यह क्षेत्र के लोग 2014 में देख चुके हैं। पानी इतनी तेजी से भारतीय क्षेत्र में आया कि गांव के गांव बह गए थे। कई मौतें हुई थीं। नहरें टूट गई थी। लोगों के घर जमींदोज हो गए थे। 250 से अधिक गांव प्रभावित हुए थे जिसके चलते हेलीकॉप्टर से राहत बचाव कार्य किया गया था।
ढाई लाख की आबादी प्रभावित
श्रावस्ती जिलाधिकारी नीतीश कुमार ने बताया कि राप्ती में अचानक बाढ़ का पानी आने से श्रावस्ती जिले के 100 गांव प्रभावित हैं। 50 गांव पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं। इन गांवों से संपर्क टूट गया है। इससे करीब ढाई लाख आबादी प्रभावित है। बाढ़ में फंसे ग्रामीणों को बाढ़ चैकियों पर शिफ्ट किया जा रहा है। नावें लगाई गई हैं।