लखनऊ(रवि पाल)। प्रदेश भर में महिलाओं के सम्मान को लेकर चल रही राजनीति में नया मोड़ आ गया है। पूर्व बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी स्वाति सिंह के खिलाफ महिला उत्पीडन का मामला दर्ज होने की एफआईआर सामने आई है। इससे स्वाति सिंह का खुलकर समर्थन कर रही बीजेपी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
आशियाना कालोनी में रहने वाली आशा सिंह पत्नी पुनीत सिंह ने वर्ष 2008 में दयाशंकर सिंह और उनकी पत्नी के खिलाफ महिला उत्पीडन की प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इसमें आशा सिंह ने आरोप लगाया था कि मेरी सास आशा सिंह, ससुर वीरेन्द्र कुमार सिंह, पति पुनीत सिंह और ननद स्वाति सिंह मानसिक और शारीरिक रुप से प्रताडि़त कर रहे हैं। यह सिलसिला शादी के दो माह बाद यानी 18 जुलाई 2005 से चल रहा है। ये लोग पीडि़ता और उसके बच्चे को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। इससे पूर्व कई बार मारपीट कर घर से निकाल चुके हैं। यहां तक की मेरे माता पिता के मकान की रजिस्ट्री मेरे छोटे भाइयों के नाम कर दी गई है। ऐसे में घर में रहने के बदले तीन लाख रुपये की डिमांड की जाती है। इसके अलावा तहरीर की कापी में लिखा गया है कि उनकी ननद स्वाति सिंह और सास आशा सिंह लगातार धमकी देते रहते हैं। वे लोग कहते हैं कि भाजपा के बड़े-बड़े नेता -कलराज मिश्र और राजनाथ सिंह चाय पर आते हैं। चूंकि स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह बीजेपी नेता हैं। इसलिए उनकी धमकियां भी जायज हैं। आशा सिंह ने अपनी सुरक्षा को लेकर पुलिस से गुहार भी लगाई थी। ऐसे में दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह के खिलाफ पूर्व में दर्ज महिला उत्पीडऩ का मामला सामने आने के बाद मामले में नया मोड़ आ गया है। इस मामले को भुनाने के लिए बसपा के नेता सक्रिय हो गए हैं। वहीं इस बात की भी चर्चा है कि अपने पति के बचाव में जोरदार ढंग से सामने आई स्वाति सिंह की तबीयत बिगडऩे के पीछे पारिवारिक विवाद है, जिसको आशा सिंह की तरफ से सबके सामने लाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। जबकि स्वाति सिंह का समर्थन करने वाले भाजपा नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं।