पहले चरण में कुल 1.2-1.5 लाख करोड़ का खर्च आएगा और यह जमीन अधिग्रहण करने के बाद 5-6 साल का समय लेगा। समूचे रिफाइनरी में 20-20 मिलियन टन के तीन क्रूड यूनिट होंगे, इनमें से पहला प्रथम चरण का हिस्सा होगा। इस मेगा कंपलेक्स के लिए 12,000-15,000 एकड़ जमीन की जरूरत है और महाराष्ट्र के तट पर दो-तीन साइटों को खोज लिया गया है। दूसरे चरण में 50,000-60,000 करोड़ रुपये का खर्च होगा। यह रिफाइनरी, पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, एटीएफ उत्पादन करेगा और महाराष्ट्र में प्लास्टिक, केमिकल और टेक्सटाइल में पेट्रोकेमिकल प्लांट्स के लिए फीड स्टॉक देगा। आइओसी ने हाल ही में ओडिसा के पारादीप पर 15 मिलियन टन यूनिट शुरू किया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने अपना पहला रिफाइनरी गुजरात के जामनगर में बनाया था जिसकी कैपसिटी 27 मिलियन टन थी और बढ़ाने के बाद 33 मिलियन टन हो गयी। आइओसी के पास कुल 54.20 मिलियन टन क्षमता वाले 6 रिफाइनरी हैं।
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