नाली, गलियां, सड़क समेत सार्वजनिक स्थलों पर गंदगी पसरी पड़ी है। सड़कें खर-पतवारों से पटी पड़ी हैं। इसकी चिंता न तो ब्लाक पर बैठे एडीओ पंचायत को है और न ही जिले के जिला पंचायत राज अधिकारी को। अधिकतर गांवों की स्थिति यह है कि बिना काम किए सफ़ाईकर्मी प्रतिमाह तनख्वाह का हजारों रुपये उतार रहे हैं। ये बड़ी ही विडंबना है।
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