इसके साथ ही केन्द्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न महत्वकांक्षी योजनाओं का प्रचार प्रसार तथा क्रियान्वयन भी साक्षरता कर्मियों के माध्यम से किया जाता है । किन्तु चिंताजनक विषय में कि सम्पूर्ण राज्य को जागरूकता के माध्यम से प्रोन्नति देने वाले इन साक्षरता कर्मियों के भविष्य के बारे में राज्य सरकार द्वारा कोई ध्यान नही दिया जा रहा है । मंहगाई के इस दौर में इतने न्यूतनम मानदेय में कार्य करके साक्षरता कर्मियों के परिवार के भरण पोषण का संकट गहरा गया है । वर्ष 2011 से मानदेय बकाया है ऐसी स्थिति में परिवार भुखमरी की कमार पर है । बच्चों की शिक्षा एवं अन्य आवश्यकता पूर्ण रूप से बाधित हो चुकी है । जिससे कर्मियों में गहरा आक्रोश है । अत निम्न बिन्दुओं की ओर मुख्य मंत्री से ध्यान आकर्षण करते हुये निराकरण की मांग की है।
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